SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 210
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १९६ विश्वलोचनकोश: लक्ष्येऽपि छर्दनस्तु स्यान्निम्बालम्बुषवन्तिषु | छेदनं भेदने छेदे जगस्तुर्जन्तुशुष्मणोः ॥ ६६ ॥ जघनं वनिताश्रोणी पुरोभागे कटावपि । जयनं तु जये वाजिगजप्रभृतिकञ्चुके ॥ ६७ ॥ यवनो यवमात्रेऽपि यवाधिकतुरङ्गमे । देशभेदे तुरुष्केsपि जवनः प्रजवे त्रिषु ॥ ६८ ॥ तपनो रविसन्तापे भलके नरकान्तरे । तमोघ्नश्चन्द्रसूर्याऽमिबुद्ध श्रीकण्ठविष्णुषु ॥ ६९ ॥ तलिनं विरले स्तोके स्वच्छ गम्भीरयोरपि । तलुनः पवने यूनि वाच्यवत्तलुनी स्त्रियाम् ॥ ७० ॥ तेमनं व्यञ्जने दे चुल्लिकाभिदि तेमनी । तोदनं व्यथने तोत्रे त्यागी सूरेऽपि दातरि ॥ ७१ ॥ [ नान्तवर्गे छर्दन - निशाना, नींब, लजालूभेद, | तपन - सूर्य से गरम ( धूप ), भिलावा, नरकभेद, (पुं० ) छर्दि (त्रि०) छेदन-भेदनकरना, (770) गम्भीर, (त्रि०) छेदनकरना, तमोघ्न- चंद्रमा, सूर्य, अग्नि, बुद्धदेव, महादेव, विष्णु, (पुं० ) ॥ ६९ ॥ जगन्-जन्तु, अग्नि, ( पुं० ) ॥ ६६ ॥ तलिन - विरल (कोई ), थोड़ा, स्वच्छ, जघन - स्त्रीकी श्रोणियोंका अग्रभाग ( जाँघ ), और कटि, ( न० 。) जयन-जय, अश्व (घोडे) हाथी आदि का कवच ( न० ) ॥ ६७ ॥ यवन - जवमात्र, जवभरजादा अश्व, देशभेद, यवन ( मुसल्मान ) जा. ति, ( पुं० ) तलुन - वायु, (पुं० ) जवान, (त्रि०) तलुनी- (- जवान स्त्री, (स्त्री० ) ॥ ७० ॥ तेमन - व्यंजन ( शाक ), गीला, ( न० ) तेमनी - चूल्हाभेद ( स्त्री० ) तोदन - पीड़ा, बैलआदि हाँकने की पैनी, ( न० ) जवन बहुत वेगवाला (त्रि० ॥६८॥ त्यागिन् शूर, दाता, (पुं० ॥७१॥ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009534
Book TitleVishwalochana Kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Sharma
PublisherBalkrishna Ramchandra Gahenakr
Publication Year1912
Total Pages436
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy