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________________ (२९२) मेयमहोदय मेघराच्छापते ब्योनि संवत्सरहिताय सः ॥१८॥ शुक्ले कृष्णे च वैशाखे चतुर्दश्यष्टमीदिने । गर्जाविद्युत्पयोवर्षा वर्षानन्दविधायिकाः ॥१८८॥ मतान्तरे श्रीहोरगुरवः-- : जइ वैसाख चारइ तिथिसारी, पाठमि चउदसिसुकलअंधारी। गाज विजाभु नवि दिसइ, चार मास बरसइ निसदिसह ।। वैशाखकृष्णैकादश्यां वादलं प्रथलं भवेत् । तदा धान्यानि विक्रीय कर्त्तव्यं कृषि कमणि ॥१०॥ वैशाखशुक्लपतिपद्वितीया-दिनये वादलकं शुभाय। पदा तृतीयादिवसेऽपिचानं वृष्टिविशिष्टा परमङ्गरोगः।१९१॥ वैशाखशुक्लदशमी-छये न वादलं शुभम् । राधेऽश्विनी दिने घृष्टया रक्तवस्तुमहर्घता ॥१६२॥ वैशाखसितपञ्चम्यां मेघवादलसम्भवे । च्छादित उदय हो तो संवत्सर अच्छा होता है ॥१८७॥ वैशाख के शुक्ल या कृष्णपक्षकी चतुर्दशी या अष्टमीकै दिन गर्जना हो चि ली चमके और जलवर्षा हो तो वर्ष मानंददायक होता है ॥१८८॥ श्री हीरसूरिने भी कहा है कि- यदि वैशाखके शुक्ल या कृष्णपक्षकी आठम और चौदश इन तिथियों में गर्जना हो, बिजली चमके और आकाश बादलोंसे भाच्छादित रहे तो चार मास हमेशा वर्षा बरसे ॥ १८६ ॥ वैशाख कृष्ण एकादशी के दिन बादल प्रबल हो तो धान्य को बेचकर खेती करना चाहिये ॥ १६० ॥ वैशाख शुक्र की प्रतिपदा और द्वितीया, ये दोनों दिन बादल हो तो शुभ होता है । यदि तृतीया के दिन बादल हो तो वर्षा पच्छी हो किंतु पीछे रोग हो ॥१६१॥ वैशाख शुक्लकी दशमी और एकादशी ये दो दिन बादल न हो तो अच्छा हो । वैशाख में अश्विनीनक्षत्र के दिन वर्षा हो तो लाल वस्तु महँगी हो ॥१६२॥ वैशाख शुरु पंचमी के दिन वर्षा या वादल हो "Aho Shrutgyanam"
SR No.009532
Book TitleMeghmahodaya Harshprabodha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwandas Jain
PublisherBhagwandas Jain
Publication Year1926
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size12 MB
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