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________________ १०८ २०८ पृष्ठांक विषय पृष्ठांक रौद्रीयमेघमाला के षष्टि संवत्सर राशियों पर गुरुका अस्तफल १८५ १०० मेघों का विचार दुर्गदेवमुनि कृत पष्टि संवत्सर पांचवां अधिकारफल : संवत्सरशरीर १६४ प्राचीन वचनों से विस्तार पूर्वक राशियों पर शनिचारविचार २६४ पष्टि संवत्सर फल नक्षत्रीपरी शनिफल २०६ गुरु (बृहस्पति) चार फल सप्त यमजिह्वा २०८ गुरुके वर्षका विचार शनिका उदय विचार मेषराशिस्थ गुरुफल शनिका अस्त विचार २०६ वृषराशिस्थ गुरुफल १५६ कूर्मचक्र या पद्मचक्र मिथुनराशिस्थ गुरुफल १५८ राहुचार का फल २१८ कर्कराशिस्थ गुरुफल राहुका राशिग्रहगा फल २२३ सिंहराशिस्थ गुरुफल १६० नक्ष ग्रहणफल कन्याराशिस्थ गुरुफल केतुचार का फल २२७ तुलाराशिस्थ गुरुफल छहा अधिकार---- वृश्चिकराशिस्थ गुरुफल अयनफल धनराशिस्थ गुरुफल मासकल मकरराशिस्थ गुरुफल अधिकमासफल कुंभराशिस्थ गुरुफल मीनराशिस्थ गुरुफल तिथि क्षय या वृद्धिका फल २४४ दिनविचार गुरु (बृहस्पति) वऋविचार-- मेषराशिसे मीनराशि तक बारह । रोहिणी परसेवांका दिनमान२५४ राशियों में स्थित वक्री गुरु का वर्षमें वृष्टिको दिनसंख्या २५५ १७२से१७६ तिथि और चारमें रोहिणीफल२५६ फल गुरु के भोग नक्षत्र का फल १७७ प्रथम वर्ष के दिनफल २५७ गुरु के चतुष्कफल १७६ सातवां अधिकार-- पुनःगुरुके भोगनक्षत्रका फल १८ ! अगस्तिद्वार २५६ राशियों पर गुरुका उदयफल १८३ वर्षराज मंत्री आदिका विचार२६१ गुरुदय का मासफल १८४ वर्षाधिपति का फल : २६ 04 4 4 4 44 YWWX" "Aho Shrutgyanam"
SR No.009532
Book TitleMeghmahodaya Harshprabodha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwandas Jain
PublisherBhagwandas Jain
Publication Year1926
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size12 MB
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