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________________ in ni ninir orrrrrxxxur, GXXM०० विषयानुक्रमणिका विषय पृष्ठ विषय पृष्ठ प्रथम कल्लोल पति अथवा जार जन्म योग मंगलाचरण नौका में अथवा जल समीप योग शास्त्र का नाम जन्म का स्थान लग्न आदि बारह भावों का ज्ञान मस्तक अथवा पैर से जन्म ज्ञान गर्भ का होने न होने का योग सुतिका का गृह ज्ञान गर्भ की पुष्टी योग | सुतिका गृह का द्वार और दीपक का ज्ञान २७ गर्भ के महीने सुतिका संख्या २६ गर्भिणी और गर्भ का अरिष्ट योग सुतिका के खाट का स्वरूप और जातक पुरुष और स्त्री के शुभाशुभ की प्राकृत्ति पिता और चाचा का शुभाशुभ माता से त्याग किया हुआ पुत्र का स्वरूप ३० माता और मौसी का शुभाशुभ जन्म समय माता के सुख-दुःख का ज्ञान ३२ पुत्र और पुत्री का ज्ञान जातक के अंग विभाग में रहा हुग्रा छह प्रकार के नपुसक योग तिल, मसा आदि का ज्ञान दो संतान योग तीसरा कल्लोल तीन संतान योग जातक का अरिष्ट मृत्यु योग अधिक संतान योग १२ जातक के अरिष्ट का भंग योग अधिक अंग वाला और गूगा योग १३ चौथा कल्लोल दाँत वाले जन्म के छः योग और कूबड़ा योग लग्न कुण्डली के अष्टम स्थान से पांगला और बहरा योग मृत्यु ज्ञान जलोदर और बंधन से मृत्यु ४४ आंख के विकार वाले जन्म योग जातक के अंग हीन योग शस्त्र, अग्नि, रस्सी और गिरने से मृत्यु ४४ वामन योग स्त्री के कारण और शूली से मृत्यु गर्भ के गत मास का ज्ञान लकड़ी और घाव के कीड़े से मृत्यु ४६ प्रसव काल योग सवारी से अथवा कुत्रा में गिरने से मृत्यु ४६ जातक किस लोक से पाया विष्टा में गिर कर मृत्यु यंत्र और पक्षियों से मृत्यु दूसरा कल्लोल गुह्य पीड़ा, बिजली, पर्वत अथवा जन्म समय पिता का होना न होना दीवार से मृत्यु नाल वेष्टित जन्म का ज्ञान २० | पाषाण, पाणी और स्वजन से मृत्यु MMMMMMM MKK "Aho Shrutgyanam"
SR No.009531
Book TitleJanmasamudra Jataka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwandas Jain
PublisherVishaporwal Aradhana Bhavan Jain Sangh Bharuch
Publication Year1973
Total Pages128
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size19 MB
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