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________________ ( ३८२) १७९ २४६ १५८ २३४ ३४७ २६१ ४८ १६४ २६२ ३२५ १६१ १७२ २७२ २०७ मण्डपगढ़ मण्डपदुर्ग मण्डलिक मण्डलीनगरी मण्डोरपुर ( नगरम् ) महासक मतिसागर (मन्त्री) मथुरा मदन ( प्राक्षण) मदन (पुरुष) मदन (भेष्ठी) मदन (गणिक) मदन (रामा) मदनभूम मदनभ्रेधी मदनसेना मदना (वेश्वा) मदना (सी) मदना (वी) मधुमती ( स्थान) मधुरा मधूक (वृक्ष) मनु ( स्मृतिकार) मनुपुराण (प्रन्थ) मन्दमति (सिंह) मन्दोदरी ( राक्षी) मरोट ( प्राम) मयूरिका (स्त्री) मलय (पर्वत) मलयेन्द्री (मी) मक्षा (पुरुष) महादेव मल्लबादी मल्लिकार्जुन (राजा) मल्लि ( तीर्थकर ) महणसिंह महाकालप्रामाद महादेव (राजा) महापध महापुर महिणिक ( पर्व) महिपाल ( राजा) महेन्द्र (पाध्याय) महेन्द्रपुर महेश्वरदच महोदय (मुनि) माकु (सी) माख माप ( कवि) माणिभद्र (प्रेष्ठि) माणिक्यसूरि माण्डव्य (मुनि) माधव (पुरुष) मान्धाता ( राजा) मारुमण्डल (देश) मालदेव (वस्तुपाठ भ्राता) ८. २५३ २०७ १४३ २३४ १८६ २८१ ४२ ३४२ २०१ १५५ १५५ ३०७ २७५ २९७ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009525
Book TitlePanchashati Prabodh Sambandh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMrugendravijay
PublisherSuvasit Sahitya Prakashan
Publication Year1968
Total Pages456
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size9 MB
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