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________________ ३३ ३४ ३५ ३९ ३७ ३८ ३९ ४० प्रतिष्ठानपुरकल्प प्र० सातवाहननुपचरित्र चम्पापुरीकल्प पालिक श्रावस्तीनगरीकन वाराणसी नगरीकल्प महावीर गणधरकल्प कोकास विपार्थकल्प कोटिशिलातीर्थंकल्प ४१ ४२ पाल-जापानमन्त्रिक ४३ ४४ ढिपुरीस्तव ४५ चतुरशीतितीनामसंग्रह ४६ समवसरण रचना कल्प ४७ कुलुंगेश्वरनामेव देवकल्प ४८ व्याधी कल्प ४९ ५० ५१ अदरक (२) हस्तिनापुर तीर्थवन कन्यानयम • कल्पपरिशेष कुल्य पाकऋषभस्तुवि आमरकुण्डपद्मावतीकल्प चतुर्विंशतिजनकल्याणक (1) ६० ६१ विपुरीतीर्थंकल्प ५२ ५३ ५४ ५५ अतिशयविचार | ५६ पचकल्याणक स्तवन ( २ ) ५७ देवकल्प ५८ श्रीपुर अन्तरिक्षपाल ५९ स्तम्भनककल्पलिन्छ फलन दिपार्श्वकल्य अम्बिकादेवीकल्प अन्थसमाप्तिसूचककथन " >> در 35 ا. "" " " " 33 33 "> " » " " 31 X "" X " "" 25 33 " "" " " " "3 "" " 33 33 33 2 2 2 2 × × × × " इस कल्पके क्षन्त इस प्रतिमें यहां पर पन्थसमाप्तिसूचक व मी प्रत्यसमा कन धन दिया हुआ है है और फिर अन्तमें| भी है। X X X X X X X X X X X x x x x x x x "3 " >> "" "2 " " ," "> 39 " " 39 X 33 R2x ===AX x 2 = x x " X " " " " RAARAAAA ३३ ३४ १५ ३६ ३७ काम्पिल्यपुरकरूप [२५] पाटलीपुत्रकल्प [३६] वाणारधीनगरीकल्प [३८] कुडुंगेश्वरनामेयकरूप [ ४७ ] अर्बुदाद्रिकल्प [८] अवन्तिदेशस्थ अभिनंदनकल्प [३२] ३५ प्रतिष्ठानपत्तनकल्प (वन) [१३] ४० ४१ ४२ नन्दीश्वरकल्प [२४] वीरगणधरकल्प [३९] चतुरपीतितीनामप्रकल्प [४५] पटपरमेष्ठिनमस्कार कल्प ४३ ४४ ४५ रत्नवाहपुरकल्प [२०] पावापुरी इरकल्प [२१] ४६ कन्यानयनीयम० प्र० कल्प [२२] ग्रन्थसमाप्तिसूचककथन ↑ Pe प्रतिको छोड कर यह और किसी प्रतिमें उपलब्ध नहीं होता।
SR No.009519
Book TitleVividh Tirth Kalpa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherSinghi Jain Gyanpith
Publication Year1934
Total Pages160
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Tirth
File Size5 MB
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