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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates छात्र अध्यापक • जिस शक्ति के कारण द्रव्य किसी न किसी ज्ञान का विषय हो उसे — छात्र - - प्रमेयत्व गुण किसे कहते हैं ? अध्यापक – भाई! प्रत्येक द्रव्य में ऐसी शक्ति है कि वह अवश्य ही जाना जा सकता है, यह बात अलग है कि वह इन्द्रियज्ञान द्वारा पकड़ में न आवे। यह तो हमारे ज्ञान की कमी के कारण है। जिनका ज्ञान पूरा विकसित हुआ है उनके ज्ञान (केवलज्ञान) में सब कुछ आ जाता है और अन्य ज्ञानों में अपनी-अपनी योग्यतानुसार आता है। अतः जगत् का कोई भी पदार्थ अज्ञात रहे ऐसा नहीं बन सकता है। छात्र अध्यापक प्रमेयत्व गुण कहते हैं । — - बहुत सी वस्तुएँ बहुत सूक्ष्म होती हैं, अतः वे समझ में नही आ सकतीं क्योंकि वे दिखाई ही नहीं देती हैं। जैसे हमारी आत्मा ही है, उसे कैसे जानें, वह तो दिखाई देती ही नहीं है ? छाञ - अगुरुलघुत्व गुण किसे कहते हैं ? अध्यापक – जिस शक्ति के कारण द्रव्य में द्रव्यपन कायम रहता है, अर्थात् एक द्रव्य दूसरे द्रव्य रूप नहीं हो जाता, एक गुण दूसरे गुण रूप नहीं होता और द्रव्य में रहने वाले अनंत गुण बिखर कर अलग-अलग नही हो जाते, उसे अगुरुलघुत्व गुण कहते हैं । छात्र - और प्रदेशत्व ? ..... — - जिस शक्ति के कारण द्रव्य का कोई न कोई आकार अवश्य रहता है उसको प्रदेशत्व गुण कहते हैं । - • सामान्य गुण तो समझ गया पर विशेष गुण और समझाइये | २६ Please inform us of any errors on rajesh@Atma Dharma.com
SR No.009515
Book TitleBalbodh Pathmala 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherMaganmal Saubhagmal Patni Family Charitable Trust Mumbai
Publication Year1995
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size572 KB
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