SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 133
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ occurs, have only one circumstance in common, which to or more instances in which it dos not occur have nothing in common save the absence of that circumstances the circumstance in which alone the two sets of instances differ, is the efect, or the cause of an indispensable part of the cause of the phenomenon."120 अर्थात् यदि किसी जांच की जाने वाली घटना के दो या दो से अधिक उदाहरणों में कोई एक बात सबमें पाई जाए और उस घटना के अभाव वाले दो या अधिक उदाहरणों में उस बात की अनुपस्थिति के अतिरिक्त और अन्य बात सब में नहीं पाई जाए तो केवल उसी बात का, जिससे दोनों प्रकार के उदाहरणों में भेद होता है, उस घटना से कार्य-कारण सम्बन्ध रखता है। यदि उपर्युक्त परिभाषा का विश्लेषण किया जाए तो हमें निम्नलिखित बातें देखने को मिलती हैं1. इस विधि में भावात्मक और अभावात्मक दोनों तरह के उदाहरणों को सामने रखा जाता है। 2. भावात्मक उदाहरण के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना पड़ता है-(क) दो या दो से अधिक उदाहरणों की जांच करना, (ख) उन सभी उदाहरणों में किसी अमुक घटना के घटने या उसका भाव देखना, (ग) सभी परिस्थितियों में अन्य बातों की विभिन्नता और एक बात में समानता को खोजना और उस समानता को अमुक घटना की प्रत्येक परिस्थिति में पाना। 3. इसके पश्चात् निषेधात्मक अथवा अभावात्मक उदाहरणों के लिए भी निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना पड़ता है-(अ) दो या दो से अधिक उदाहरणों से उस घटना को नहीं पाना, (ब) उन सभी उदाहरणों में उस घटना का केवल एक बात की समानता के रूप में अमक चीज के अभाव को खोजना। अतः संक्षेप में हम कह सकते हैं कि जब घटना उपस्थिति रहती है तो किसी एक बात का भाव रहता है और उस घटना के अभाव में वह भी अनुपस्थित रहती है; तो उस बात का, जिसमें दोनों प्रकार के उदाहरणों में भेद होता है, उस घटना में अवश्य ही कार्य-कारण का सम्बन्ध होगा। इसको निम्नलिखित सांकेतिक उदाहरण के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है भावात्मक उदाहरण अनुवर्ती पूर्ववर्ती प, फ, म प, क, ख प, व, छ स, त, थ स, ग, घ स, अट
SR No.009501
Book TitleGyan Mimansa Ki Samikshatma Vivechna
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages173
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, & Philosophy
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy