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________________ भी नपकार महामन कल्स ____॥ विवाद विजय भन । ॐ हं सः ॐ ही अहेरो श्री अ.मि. आ. अ. सा नमः ॥५४॥ विवाद करते समय उपरोक्त मरका इकीस पार मनमें मौनपने जाप करके विवाद शुरु करे तो विजय माप्त होगा। ॥ उपयाग्न फल मन ॥ ॐनमोअ अ.सि आ. उ.सा णमो अरिरन्ताण नमः ॥२०॥ __ इस मका एफसी गाठ यार स्मरण करनेसे उपवासके फल निवना लाम माप्त होता है। ॥ अग्निभय मन ॥ उपर पत्ता नवे मत्र नम्बर ५ को मिद्धि फरनेके याद २१ दफामत्र द्वारा पानीको मचिन फरक अग्निका उपहार हो उस समर तीन असलीसे या अग्निपेष्टिन जलधारा देंच तो आग उपर गात रो जाता है ॥५॥
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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