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________________ श्रीनवकार महामंत्र फल्प ६८ स्तम्भय स्तम्भय, मोहय मोहय, अधय अंधय, मुख्य मुख्य, गुरु कुरु ही दुष्टान् ठः ठः ठः ||३८|| इस मत्रकी साधना करते समय प्रातःकाल मध्याह और सन्ध्या समय जाप करना चाहिए पूर्व दिशाकी तरफ मुस रखना, और उत्तर किया करें ? तर ग्यारहसो जाप करने से सिद्धि होती है, इसकी साधना मे “दलदारभ्यामुमुवे" आदि क्रियाए करना चाहिए सो गुरुगमसे ज्ञात करना । ॥ व्यन्तर पराजय मंत्र || उपर बताया हुवा नम्बर ३८ वाले मनके प्रभाबसे व्यन्तरका उपर किसी मानमे महल्में या मनुष्य स्त्री आदिमें हो तो केवल ग्यारहसो जाप विधि सहित करने से उपद्रव मिट जाता है । इसकी साधना इशारणमें मुख रखना चाहिए और आठ रात्रि तक आधीरात के समय साधन करे तो व्यन्तरादि भय मिट जाता है । ॥ सी गया मंत्र ॥ ॐ नमो अरिहन्ताण, ॐ नमो सिद्धाण,
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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