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________________ मन्दार प्रकरण मन्दावर्त प्रकरण तीसरा नन्दावर्त बताया गया इस आवर्तको सौम्य माना गया है जिसकोवर्जनी उगलीके उपरके पेरवेंसे शुरुआत करे, दुसरा तर्जनीका मध्य, तीसरा तर्जनीके नीचेका छटा अनामिके मायका, सातवां अनामिकाके उपरका आठवा मध्यमाके उपरका नौवा मध्यमाके मध्यका इस तरह नौ हवे जिनको चारह वख्त गिननेसे एक माला पूरी होती है । इस आवर्तको बहुत मगलिक माना गया है, सौम्यसभावी है, शान्ति, वृष्टि, पुष्टि के देने वाला है इस लिए यह आवतभी आदर करने योग्य है, जिसका चित्र आपके सामने है। ॐवर्त प्रकरण ___ यह आव उन पुरषोंके लिए कामका है कि जो ॐ का जाप किया करते हैं।ॐ की महिमा तो पारावार है जिसको जैन शास्त्रोंमे मणवाक्षर फहते है, और इसमें अशीहन्त, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधू इन पाच पदको स्थापना मानी गई है
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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