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________________ विधि-विधान प्रकरण ૦૨ निजका सूर्यस्वर चलता हो तर मत्रके साधनमें प्रवेश करना चाहिए । साध्य करनेके लिए देवस्थान, या बाग, जलाशयके समीप अथवा और कोई शुद्ध स्थान जो उपरकी मजील पर न हो भूमितल या जमीन पर बैठ कर ध्यान करनेकी व्यवस्था करना चाहिए । मत्र जिस प्रकारका हो वैसाही आलम्बन सामने स्थापन करे, अष्टद्रव्य शुद्ध काममें लेवे, दीपक जयणा सहित रखे, आलम्बनके दाहिनी ओर दीपक और बाई और धूप रखना चाहिए, दीपककी ज्योति आलम्बनके नेत्र तक बची रह सके इस तरहसे दीपक रखना । द्रव्यकी इच्छावालेको पूर्व दिशाकी तरफ मुख करके बैठना चाहिए | सफेद कपडे सफेद आसन सफेद माला काममें लेवे, और ऐहिक मुखमें भी यही विधान उपयोगी होगा । कष्ट निवारण-सङ्कट दूर करनेके लिए उत्तर दिशा आसन, कपड़े और माला लाल रगकी लेना । अन्य क्रूर कार्यमें दक्षिण दिशानीले व काले व आस
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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