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________________ २२८ गाथा-९० बहुमान नहीं, हम तो सब पण्डितों को जानते हैं, वे तो एक ही पण्डित हैं हम तो सब शास्त्रों को जानते हैं, हम तो सबसे बड़े, शास्त्र से बड़ा क्या है ? नौ पूर्व पढ़ा उसमें बड़ा क्या आया? यहाँ कहते हैं सम्यग्दर्शन का स्वामी है... देखो! 'पहाणु' का अर्थ किया है। प्रधान कहा न? प्रधान ! सम्यक्स्वरूप भगवान आत्मा पूर्ण तत्त्व शुद्ध तत्त्व में अन्तर्मुख होकर जिसने स्व आश्रय सम्यग्दर्शन प्रगट किया, वही जगत में प्रधान अथवा स्वामी अथवा बुहु, वही पण्डित है। उसने सब जाना - ऐसा कहते हैं। उसने सब जाना। 'एक जाने सब होत है, सबसे एक न होय' । आहा...हा... ! उसे केवलज्ञान आयेगा। केवलज्ञान की पर्याय ज्ञानगुण में पड़ी है, ज्ञानगुण में अनन्त पर्याय पड़ी है केवलज्ञान की, अनन्त पर्याय । सादि-अनन्त पर्याय जितनी है, वे सब ज्ञान में पड़ी है। ऐसे ज्ञायक की दृष्टि हुई तो केवलज्ञान लायेगा, लायेगा और लायेगा। एक दो भव में केवलज्ञान लेकर छूटेगा, उसका केवलज्ञान बदलेगा नहीं - ऐसी चीज है। उसकी साक्षी तो आत्मा दे या कोई दे? समझ में आया? आहा...हा...! कहते हैं, भगवान आत्मा जिसे सम्यग्दर्शन प्रधान है, जिसकी दृष्टि में आत्मा प्रधानरूप से प्रतीति में, ज्ञान में वर्तता है, वही जगत में स्वामी, सच्चा प्रधान पुरुष कहा जाता है। प्रधान लिया न? सम्मत्त-पहाण बुहु सो तइलोय-पहाणु।वही तीन लोक में प्रधान है। रत्नकरण्डश्रावकाचार में बहुत लिया है। सम्यक्त्व तो कर्णधार है, कर्ण में आधार है। इस सम्यक्त्व के बिना ज्ञान-चारित्र, व्रत, सब व्यर्थ है, पत्थर जैसे हैं। रत्न की, चैतन्यरत्न की दृष्टि अपने निर्विकल्प स्वरूप का भान न हुआ, तब तक उसे ज्ञान नहीं कहा जाता। तीन लोक में प्रधान है.... तीन लोक में प्रधान ! ओ...हो...! लेश न संयम' आता है न? छहढाला में नहीं आता? 'पै सुरनाथ जंजै हैं ' सम्यग्दर्शन लेश न संयम, फिर भी सुरनाथ जंजै हैं । घर में है ही नहीं, स्वभाव में ही है। इस भगवान आत्मा पर दृष्टि पड़े, उसमें ही रहा है। राग आता है, उसमें रहा है ? उसमें अपनी रुचि है ? वहाँ है ? भगवान आत्मा ज्ञानस्वरूपी चिदानन्द दृष्टि में अनुभव में आया तो कहते हैं कि
SR No.009482
Book TitleYogsara Pravachan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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