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________________ ३५० गाथा - ५० - कहते हैं ‘कहाँ दिखाऊँ और को कहाँ दिखाऊँ भोर, तीर अचूक है प्रेम का लागे रहे सो ठोर, कहा दिखाऊँ और को' • इस आत्मा का प्रेम, आत्मा शुद्ध चैतन्य की अन्तर की दृष्टि के प्रेम को दूसरे से क्या कहें ? कहते हैं और 'कहाँ दिखाऊँ भोर' इसके प्रकाश की महिमा किसे दिखायें ? ‘तीर अचूक है प्रेम का' यह चूक तीर का प्रेम लगा, अन्दर भगवान आत्मा के ऊपर.... 'लागे रहे सो ठोर' इस आत्मा का प्रेम हुआ, (इसलिए) वहीं इसकी रुचि बारम्बार जाती है। संसार के प्रेमी संसार की कोई भी विविध प्रकार की चीजें देखकर (उनमें प्रेम करते हैं)। समझ में आया ? खाने बैठा हो और विविध प्रकार के नमूने खाने में परोसे तो वहीं इसे लक्ष्य रहता । यह क्या आया ? चावल आये, क्या कहलाते हैं तुम्हारे ? चावल को क्या कहते हैं ? तुम्हारे लड़के चावल खाते हैं वह क्या ? इस आम के साथ यहाँ नहीं देते थे ? चिवड़ा । यह विविध नमूने ऐसे देखता है कि इसमें चिवड़ा आता है ? इसमें आम के टुकड़े आते हैं ? इसमें मौसम्बी का रस रखा है या दूसरा पानी रखा है ? यह विविध प्रकारों का प्रेम है (इसलिए) वहाँ देखा करता है। समझ में आया ? इसी प्रकार आत्मा के अतिरिक्त विविध प्रकार के पुण्य-पाप और पुण्य-पाप के बन्धन और बन्धन के अनुकूल-प्रतिकूल बाह्य फल.... मूढ़ बाहर की प्रीति के प्रेम में भगवान आत्मा की प्रीति खो (बैठा) है। भले बाहर में त्यागी हुआ हो परन्तु जिसे अन्दर में बाह्य के राग में पुण्य, दया, दान का विकल्प उत्पन्न होता है, उसका जिसे प्रेम है, वह पूर्ण भोगी है, योगी नहीं - ऐसा कहते हैं । आहा...हा... ! हे जोगिया ! कहा न ? हे जोगिणा! आहा... हा... ! भगवान आत्मा अन्दर परमात्मा के तेज और नूर व आनन्द से भरा हुआ तेरा तत्त्व है। उसके प्रेम में एक क्षण भी प्रेम कर तो तेरा संसार - जन्म-मरण का नाश हो जाएगा - ऐसा जिसका प्रेम ! ऐसा परमात्मा अन्दर में तू विराजमान है परन्तु जैसा प्रेम - पर में लीनता है - ऐसा प्रेम यदि इसमें (आत्मा में) करे तो क्षण में सम्यग्दर्शन - ज्ञान प्राप्त करके मुक्त हुए बिना नहीं रहे । है न ? जैसे ( मन ) विषयों में रमण करता है यदि उसी प्रकार यह मन आत्मा के
SR No.009481
Book TitleYogsara Pravachan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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