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________________ २४४ तथा चोक्तम् ह्न ( अनुष्टुभ् ) स्वयं कर्म करोत्यात्मा स्वयं तत्फलमश्नुते । स्वयं भ्रमति संसारे स्वयं तस्माद्विमुच्यते ।। ५४ ।। इस गाथा और उसकी टीका के संदर्भ में विचारणीय बिन्दु ये हैं कि गाथा में जीवदि पद का प्रयोग है, जिसका सीधा-सच्चा अर्थ जीता है होता है, जिन्दा रहना होता है; पर यहाँ इसका अर्थ जन्मना ह्न जन्म लेना किया है। यदि जीवदि का अर्थ जिन्दा रहना माने तो यहाँ जीवन-मरण ह्न ऐसी जोड़ी बनती है; परन्तु जीवदि का जन्मता है ह्न यह अर्थ करने से जन्ममरण ह्न ऐसी जोड़ी बनी । नियमसार गाथा की ऊपर की पंक्ति में मरदि पद का प्रयोग है और नीचे की पंक्ति में मरणं जादि कहा गया है । मरदि का अर्थ 'मरता है' होता है और मरणं जादि का अर्थ 'मरण' होता है या 'मरण को प्राप्त होता है' होता है । यद्यपि बात लगभग एक ही है; तथापि यहाँ दो जोड़े बनाये गये हैं। पहला जन्म-मरण का और दूसरा मरण होने व मुक्त होने का। इसप्रकार गाथा का अर्थ यह होता है कि जीव जन्म-मरण में अकेला है और मरण तथा मुक्ति में भी अकेला ही है । टीका में मरण पद के भी दो प्रकार बताये गये हैं। पहला मरण और दूसरा नित्यमरण । एक देह को छोड़कर दूसरी देह धारण करने को मरण और प्रतिसमय आयुकर्म के निषेक खिरने को, प्रतिसमय आयु के क्षीण होने को नित्यमरण कहा है। मरण और मुक्ति में यह अन्तर है कि एक देह को छोड़कर दूसरी देह को धारण करने को मरण और देह के बंधन से सदा के लिए मुक्त हो जाने को मुक्ति कहते हैं। इसप्रकार इस गाथा और उसकी टीका का भाव यही है कि यह आत्मा जन्म से लेकर मरण तक के सभी प्रसंगों में तथा संसारभ्रमण और मुक्ति प्राप्त करने में सर्वत्र अकेला ही है; कहीं भी किसी का किसी भी प्रकार का कोई सहयोग संभव नहीं है । अतः हमें पर की ओर देखने का भाव छोड़कर स्वयं ही अपने हित में सावधान होना चाहिए ||१०१ || इसके बाद टीकाकार मुनिराज 'तथा चोक्तम् ह्न तथा कहा भी है' ह्र ऐसा लिखकर एक छन्द उद्धृत करते हैं; जिसका पद्यानुवाद इसप्रकार हैह्र (दोहा) स्वयं करे भोगे स्वयं यह आतम जग माँहि । स्वयं रुले संसार में स्वयं मुक्त हो जाँहि ॥५४॥ १. ग्रंथ का नाम एवं श्लोक संख्या अनुपलब्ध है।
SR No.009464
Book TitleNiyamsara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2012
Total Pages497
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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