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________________ श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला प्रश्न 39 - द्रव्य का वस्तु 'वस्तु' नाम क्यों है ? उत्तर - (1) वस्तुत्व गुण की मुख्यता से द्रव्य को वस्तु कहते हैं । 35 (2) जिसमें गुण, पर्याय बसते हैं, उसे वस्तु कहते हैं । (3) जिसमें सामान्य-विशेष स्वभाव हो, उसे वस्तु कहते हैं । (4) प्रत्येक द्रव्य अपना प्रयोजनभूत कार्य करता है, इसलिए उसे वस्तु कहते हैं । 'वस्तु' नाम यह भी सूचित करता है कि प्रत्येक द्रव्य के गुण, पर्याय अपने-अपने द्रव्य में ही बसते हैं; इसलिए जीव के गुणपर्याय शरीर में अथवा परद्रव्य में वास नहीं करते । प्रत्येक जीव के गुण-पर्याय उस-उस जीव में बसते हैं; इसलिए जीव को सचमुच किसी अन्य द्रव्य का अवलम्बन लेना पड़े- यह सम्भव ही नहीं है । प्रत्येक द्रव्य अपने में ही परिपूर्ण है । ( 3 ) द्रव्यत्व गुण प्रश्न 40 - द्रव्यत्व गुण किसे कहते हैं ? उत्तर - जिस शक्ति के कारण द्रव्य की अवस्था निरन्तर बदलती रहे, उसे द्रव्यत्व गुण कहते हैं । प्रश्न 41 - द्रव्य का नाम 'द्रव्य' क्यों है ? उत्तर - द्रव्यत्व की गुण की मुख्यता से । प्रश्न 42 - काल से सब बदलता है परिवर्तित होता रहता है, इसलिए सब काल के आधीन है। उत्तर - नहीं, क्योंकि जगत् के छहों द्रव्य निरन्तर अपनी
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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