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________________ प्रकरण पहला प्रश्न 55 - द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव की अपेक्षा अनन्तरूप से किन-किन की संख्या अधिक है? उत्तर - (1) द्रव्य अपेक्षा से पुद्गल परमाणु द्रव्यों की संख्या सबसे बड़ी है। उनकी संख्या अनन्त जीवराशि से अनन्तानन्त गुनी है। (2) क्षेत्र अपेक्षा से त्रिकालवर्ती समयों की संख्या से अनन्तगुनी संख्या आकाशद्रव्य के प्रदेशों की है; इसलिए क्षेत्र अपेक्षा से आकाशद्रव्य सबसे बड़ा है। (3) काल अपेक्षा से प्रत्येक द्रव्य के स्वकालरूप अनादिअनन्त पर्यायें, पुद्गलद्रव्य की संख्या से अनन्तगुनी हैं। वे काल अपेक्षा से अनन्त हैं. अथवा भतकाल के अनन्त समयों की अपेक्षा भविष्य काल के समयों की संख्या अनन्तगुनी अधिक है। (4) भाव अपेक्षा से जीवद्रव्य के ज्ञानगुण के एक समय के केवलज्ञान पर्याय के अविभाग प्रतिच्छेदों की संख्या सबसे अनन्तगुनी हैं; वह भाव अपेक्षा से अनन्त हैं। प्रश्न 56 - उक्त कथन से क्या समझना? उत्तर - केवलज्ञान में त्रिकालवर्ती सर्व पदार्थों का सम्पूर्ण स्वरूप प्रत्येक समय में सर्व प्रकार से युगपत् (एक साथ) स्पष्ट ज्ञात होता है - ऐसी केवलज्ञान की अचिन्त्य अपार शक्ति है और प्रत्येक आत्मा का शक्तिरूप से ऐसा ही स्वभाव है। प्रश्न 57 – 'अर्थ' किसे कहते हैं ? उत्तर - द्रव्यों, गुणों और उनकी पर्यायों को 'अर्थ' नाम से कहा है। उनमें गुण-पर्यायों का आत्मा, द्रव्य है। (अर्थात् गुणों
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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