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________________ कहता है, भाई! ध्यान रखना, तेरी भैंसें हमारे गन्ने के खेत में न आ जाएं। यह कौन-सी बात है? भैंस तो मैंस ही है, अगर कभी चली भी जाए तो चली जाए? क्या कहता है, खबरदार, यदि भैंस ने खत में पैर रख दिया तो मैं भैंस की टांगें तोड़ दूंगा और तुम्हारा सिर फोड़ दूंगा। तो वह कहता है-भैंस चली जाये तो मैं क्या करूँगा? भैंस तो जायेगी ही जायेगी। वह कहता है-जाकर क बता। वह कहता है-तू खेत बो कर बता| उसने वहीं पत्थर पर खेत बनाया और बोला-ले यह मेरा खेत है और ये गन्ना है | अब आकर बताए भैंस तेरी? उसने भी कंकड़ उठाया और बोला-ले मेरी मैं स चली गई तेरे इस खेत में, बाल क्या कर सकता है? और दोनों में लट्ठम-लहा हो गई। सिर फूट गया और फौजदारी रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) लिखी गई। थानेदार मुआयना करने गया कि बताआ कौन-सी भैंस ने तुम्हारा कितना गन्ना खाया? चलो मुआयना तो कर आएं? वहाँ जाकर के कहा, कहाँ है खेत बताइय? वहाँ जाकर देखते हैं तो कोयले से दो-चार लकीरें खिची थीं, और उसमें कंकड़ रूपी भैंस पड़ी थी। सारी दुनिया में ऐसे ही झगड़े हैं और कोई मतलब नहीं है | सब बातों के झगड़े हैं | महाभारत भी ऐसा ही झगड़ा है | ____ कई बार लोग ऐसे ही झगड़ते हैं। एक तलाक का मामला था? शादी क दूसरे दिन ही तलाक | तलाक की अर्जी अदालत में दे दी गई। वहाँ पर बोले कारण क्या है तलाक देने का? बोले मामला यह है कि झगड़ा इस पर हा गया कि यह कहती है कि बच्चे को मैं डाक्टर बनाऊँगी और मैंने कहा कि बच्चे को इंजीनियर बनायेंगे और मेरे माता-पिता से पूछा तो वे कहते हैं बेट को न डाक्टर बनायेंगे न इंजीनियर बनायेंग, वे कहत हैं दुकानदारी करायंगे । इस बात पर झगड़ा हो गया | तो जज साहब कहते हैं कि तुम दोनों के झगड़े अपने-अपने (311)
SR No.009438
Book TitleRatnatraya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages802
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size57 MB
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