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________________ पास कि, हे अम्मा! मुर्गे को लेकर चल, तेरा मुर्गा नहीं बोला तो सबरा नहीं हुआ। बताओ क्या यह सच है कि मुर्गा नहीं बोला तो सबेरा नहीं हुआ होगा? लकिन अहंकार हम ऐसा ही रहता है कि हम घर पर नहीं रहंगे तो घर नहीं चलेगा | हर नेता की मृत्यु हाती है, तो यही कहा जाता है कि अब क्या होगा? कुछ नहीं होगा, वही होगा जो भाग्य में होगा। चिन्ता मत करा | नेहरु जी गुजर गय तब सब लोग घबड़ा गए कि अब देश का क्या होगा? लालबहादुर शास्त्री गुजर गये तो कहा कि अब देश का क्या होगा? अब पुनः गुलाम होगा? अरे । इंदिरा गाँधी आ गई। इंदिरा गाँधी गुजर गई, तो दूसरे लोग आ गय | किसी क जाने से कुछ नहीं होता। तुम्हार पहले भी दुनिया थी, तुम्हारे बाद भी दुनिया रहगी। अतः अहंकार करना व्यर्थ है। यह अहंकार खारा पानी है, जितना पिआगे उतनी ही प्यास बढ़गी। जो अपन अहंकार को नहीं छोड़ता, उसका नियम स संसार में पतन होता है। विश्व का इतिहास इस बात का साक्षी है | विश्वविजय का स्वप्न देखनेवाल अहंकारी नेपोलियन की विजय ने सम्पूर्ण यूरोप को थर्रा दिया था, परन्तु अन्तिम दिनों में वह एक समुद्री टापू की जेल में सड़कर मरा। इसी प्रकार मदान्ध मुसोलिनी भी किसी दानव से कम नहीं था। अपनी वायुसेना पर उसे अपार गर्व था। छोटे-स देश अबीसिनिया पर विषैली वायु छाड़कर मनुष्यों को तड़फा-तड़फाकर मारने में उसे आसुरी आनन्द प्राप्त होता था। अन्त में वह स्वयं भी फाँसी के तख्ते पर लटका दिया गया। एक हाथ में हथकड़ी और दूसरे हाथ में बम लकर सम्पूर्ण विश्व (128
SR No.009438
Book TitleRatnatraya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages802
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size57 MB
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