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________________ 7. बकरी का दूध 750 मिली 8. पीपल 20 ग्राम . 9. मिश्री 20 ग्राम 10. मुनक्का 20 ग्राम . - 11. हरड़े 20 ग्राम 12. बहेड़ा 20 ग्राम 13. आँवला 20 ग्राम 14. नील कमल 20 ग्राम 15. क्षीरकाकोली 20 ग्राम · (अभाव में मुलहठी) -- 16. असगंध की जड़ 20 ग्राम 17. कटेली 20 ग्राम 18. गोघृत 750 ग्राम 19. जल आवश्यकतानुसार निर्माण विधि : त्रिफला 750 ग्राम का 8 गुणा जल में क्वाथ करें। अष्टमांश जल शेष रहने पर छानकर उपयोग में लें। यह क्वाथ और घटक 2 से 7 आपस में मिला दें। अब घटक 8 से 17 को इनमें डाल दें। अब इसे घी में पकायें और तुरंत उतारकर छान ले। गुणधर्म : नेत्र रोग, रतौंधी (रात में न दिखना), मोतियाबिंद, नेत्र की लाली, अंधता, मंददृष्टि, वातज, पित्तज, कफज नेत्र रोग, शारीरिक बल, पाँचन शक्ति और शारीरिक कांति को बढ़ाता है। मस्तिष्क की निर्बलता को दूर करता है, जीर्ण कब्ज से मुक्ति दिलाता है। मात्रा : 5-10 ग्राम दिन में दो बार, सुबह-रात्रि को दूध के साथ या दोपहर और रात्रि को भोजन के प्रारंभ में प्रथम ग्रास के साथ। । . 16. अष्टमंगल घृत (रसतंत्रसार व सिद्धप्रयोग - घृततैल प्रकरण) घटक : 1. बच 2 कुठ 3. ब्राह्मी 4. सफेद सरसों : 5. अनंतमूल 10 ग्राम 10 ग्राम 10 ग्राम 10 ग्राम 10 ग्राम गौमाता पंचगव्य चिकित्सा ..
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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