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________________ पंचगव्य गौ दूध, गौ दही, गौ घी (धृत) गौमूत्र और गोमय, से ___बनने वाले कुछ स्वास्थ्यरक्षक योग एवं बनाने की विधियां 1. गौमूत्र अर्क . . 15. त्रिफलादि घृत 2. गौमूत्र घनवटी 16. अष्टमंगल घृत 3. गौमूत्र हरड़े चूर्ण . 17. ब्राह्मी घृत 4. गौमूत्र हरितकी वटी 18. अर्जुन घृत 5. गौमूत्रासव 19. जात्यादि घृत 6. बालपाल रस 20. गौमय वातनाशक तेल . 7. नारी संजीवनी 21. गोपाल नस्य 8. गौमूत्र पुनर्नवादि अर्क 22. गौमय मलहम 9. गौमूत्र पुनर्नवादि वटी 23. गौमय दादनाशक बट्टी 10. गौमूत्र गुड़मारादि अर्क ___24. अंगराग चूर्ण (गौमय उबटन). 11. गौमूत्र मधुमेहारी वटी 25. अंगराग बट्टी (गौमय साबुन) 12. गौतक्रासव 26. गौमयदंतमंजन 13. गौतक्रारिष्ट 27. गौमय नवग्रह धूप 14. पंचगव्य घृत ___ 1. गौमूत्र अर्क ...... (मेदोहर अर्क - रसतंत्रसार व सिद्ध प्रयोग). घटक : 1. गौमूत्र 1 लीटर 2: केसर 0.6 ग्राम · निर्माण विधि : काँच के आसवन यंत्र (अर्क बनाने के पात्र - Distillation plant) में गौमूत्र को भरकर उसका 1/2 लीटर अर्क खींच लें। अर्क निकलने के मुँह पर केसर को पतले कपड़े की शिथिल पोटली में बाँधकर रखें जिससे अर्क में केसर मिश्रित हो जाये। केसर का प्रयोग लाभदायक है लेकिन अनिवार्य नहीं। गुणधर्म : यह अर्क पूर्वोक्त सभी बीमारियों में उपयुक्त है। विशेषत: कोलेस्ट्रॉल को कम करने और वजन को घटाने के उपयोग में आता है। गौमूत्र घनवटी के साथ लेने से अधिक लाभ होता है। मात्रा : 10 से 20 मि. ली. दिन में दो बार 3-4 गुणे पानी के साथ या गौमूत्र से 1/3 गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 72
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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