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________________ गांधी के बारे में इस देश में एक जमाने में कहा जाता था कि उनकी सरकार को कोई हिला नहीं सकता। इन्हीं हिन्दुस्तानियों ने उन्हें आसमान से जमीन पर लाया। तो अभी तो ऐसी कोई सरकार सरकार नहीं है जो श्रीमती गांधी के बराबर की हो ताकत में। हाँ इतनी हैसीयत तो फिलहाल किसी की नहीं दिखती हैं इस देश में तो यह कौन होते है। इनकी ताकत इतनी नहीं है। जब श्रीमती गांधी की सरकार को हिन्दुस्तानी लोग आसमान से जमीन पर ला सकते हैं और श्रीमती गांधी की जमानत जप्त कर सकते । हैं तो यह हिन्दुस्तानी कुछ भी कर सकते हैं। बहुत ताकत हैं इनमें बस इनको ध्यान दिलाने वाला कोई चाहिए। जैसे रामचंद्रजी ने हनुमानजी को याद दिलाया था कि तुम्हारी. बहुत ताकत है तुम इस समुद्र को पार कर सकते हो। करके तो देखो एक बार। और मारी छलांग और हनुमानजी पहुँच गए श्रीलंका। फिर राम ने कहा तुम्हारी बड़ी ताकत है आग लगा सकते हो आग लगाके तो देखो, लगा दी। तो भारत के लोग हनुमानजी जैसे हैं। जब आप बताओगे कि बहुत ताकत हैं तो वो खड़े हो जायेगें। फिर उनके सामने कोई भी नहीं टिकने वाला। मेरा यह कहना है यह जो सरकारे हैं ना- वो हमसे हैं। हम सरकारों से नहीं हैं और हम सरकार चलाने के लिए वोट दे रहे हैं। नोट दे रहे हैं। तो हमें अधिकार है सरकार को आदेश देने का निवेदन करने का नहीं। आदेश देने का अधिकार निवेदन तो तब करते थे जब अंग्रेजों की सरकार चलती थी इस देश में। हम आपके पास एक मॅमोरेंडम ले के आए हैं। इसको जरा ध्यान दीजिए। अभी तो आप बोलिये हम आदेश पत्र ले के आए हैं। इसको करिए क्योंकि आपको वोट दिया है और नोट भी और सरकारें तो हमारी नौकर हैं। हम तो मालिक हैं। आप सोलापूर महानगर पालिका को टैक्स पै करते हैं। अच्छा काम करने के लिए। खराब काम करने के लिए नहीं। हम सरकारें बनाते हैं अच्छे काम करने के लिए। खराब काम करने के लिए नहीं और सोलापूर में जो लोग टैक्स पै कर रहे हैं 80 प्रतिशत तो पक्का हैं कि वो जीव, दया प्रेमी हैं। क्योंकि भारतीयता को मानने वाले हैं। तो वो कहें इस बात को कि हम तो जीव, दया में मानते हैं। आपको हर साल टैक्स भरते हैं। हमारे टैक्स के पैसे से आप कत्ल खाना ' चलाए। यह तो. अधिकार हमने आपको नहीं दिया है। कुछ अच्छा काम करना है तो करिए नहीं तो जाइए किसी दूसरे को लायेंगे। आपके बंधुआ मजदूर नहीं हैं। अच्छा काम कुछ करना है। तो सड़के ठीक करवा दीजीए सोलापूर की। पीने के पानी की व्यवस्था कर दीजिए। स्कूल नहीं चलते हैं उनकी देखभाल कर लीजिए। बिजली नहीं मिल रही है। उसको जरा देखिए। इस तरह के कुछ काम कर दीजिए। सोलापूर की मिले बंद हो रही हैं। उनके लिए कुछ कर लीजिए। . हमने आपको कत्ल खाना चलाने के लिए टैक्स नहीं दिया है और यह बात गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 57
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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