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________________ जिन करपात्रीजी महाराज के आशीर्वाद से श्रीमती गांधी प्रधानमंत्री बनी उन्हीं के उपर श्रीमती गांधी ने गोली चलवाई। और एक नहीं सैंकड़ों साधु उसमें मर गए। लेकिन गौ-हत्या नहीं रुकी। वो वैसे ही चली उसके बाद स्वामी करपात्रीजी ने, उनके शिष्य बताते हैं मैंने उनसे कभी सीधे बात नहीं की, श्राप दे दिया। और वो कहते हैं कि उसी श्राप का दुष्परिणाम है कि जिस तरह से श्रीमती गांधी ने गोलियां चलवाकर मरवाया था गौरक्षा भक्तों को, उसी तरह से श्रीमती गांधी मारी गई। और यह अजीब सा योग है मैंने इसपर थोड़ा काम किया। मुझे पता चला श्रीमती गांधी ने जिस दिन यह गोली - चलवाई थी उस दिन गोपाष्ठमी थी। भारत में गाय के पूजन का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। गोपाष्ठमी दिपावली के कुछ दिन बाद आता है। और श्रीमती गांधी को जिस दिन गोली मारी गई उस दिन भी गोपाष्ठमी थी। यह सब हुआ लेकिन गौ-हत्या नहीं रुकी। विनोबा भावे जिन्होंने आशिर्वाद दिया था श्रीमती गांधी को वो जीवन के अंतिम दिनों में डिप्रेशन में चले गए। इतने डिप्रेशन में चले गए की उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया। जैन संतो की भाषा में कहूँ तो संतथारा ले लिया। विनोबाजी बार-बार एक प्रश्न पुछते थे कि मैं बहुत बड़ी मांग नही कर रहा हूँ, एक छोटी सी मांग है कि गाय का कत्ल बंद करा दो। कोई बहुत बड़ी मांग नहीं हैं। संसद के सब सदस्य मानते हैं। मॅजोरिटी . संसद इसके साथ में है। और उन्होंने कहा कि गाय का कत्ल बंद हो जाएं तो ये देवनार कत्ल खाना बंद हो जाए जो मुंबई में चलता है। जिसमें 26 हजार जानवर आज रोज कट रहे हैं। उस समय ग्यारह हजार कटले थे। छोटा सा प्रश्न था, नहीं हुआ और वो वहीं छूट गया। उसके बाद अभी थोडे दिन पहले जब NDA सरकार आयी। तो बड़ी मुश्किल से एक बिल तैयार करके संसद में पेश किया गया की गाय कि हत्या तुरन्त रुकनी चाहिए कानून तुरन्त बनना चाहिए। सबेरे बिल पेश किया गया। शाम को वापस ले लिया गया। श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सबेरे विधेयक पेश किया सरकार की तरफ से शाम को वापस ले लिया यह कहते हुए कि इस पर बाद में बहस होगी। . मैं आपको यह सुना कर क्या कहना चाहता हूँ, हिन्दुस्तान में गाय का कत्ल बंद हो जाए। यह हमारी सद् इच्छा है। लेकिन गाय कत्ल चलता रहे उसके लिए कोई बहुत बड़ा षडयंत्र है। वो समझना जरुरी है। हमारी तो सद् इच्छा है कि गाय का कत्ल नहीं होना चाहिए। जब भी संसद में इस तरह की बहस होती है कुछ ना कुछ इस तरह के सवाल खड़े हो जाते हैं। एक दिन तो मैं संसद की दीर्घा में था। उस दिन बहस हो रही थी इसी गौरक्षा के प्रश्न पर। मैं गया था कि आज देखें सांसद कौन किसके समर्थन में हैं। कौन किसके पक्ष में हैं। सारे सांसद एक बाजू से बोल रहे हैं कि गौरक्षा होनी चाहिए, मुस्लिम सांसद गमबनात वाला ने कहा कि अगर बिल पास होता है तो पहला वोट मेरा गौरक्षा के समर्थन में उसके साथ दूसरे मुस्लिम सांसद खडे हो गए। हमारी गौमाता पंचगव्य चिकित्सा STOR ATM GURJARATE
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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