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________________ कहा आपने कभी गाय का मांस खाया। उन्होंने कहा- यार एक बार खाया था तो मेरी माँ ने बहुत पिटाई किया था। मैंने पूछा क्यों। उन्होंने कहा- हमारे यहा सख्त पाबंदी है। आज भी हम गाय का मांस नहीं खाते। मैंने पूछा अगर गलती से आ गया तो। बहुत सारा मांस आता है। उसमें गाय का आ गया और यदि पता चल जाये तो बर्तन को उठाके घर के बाहर फेंक देते हैं। उस बर्तन को भी काम में नहीं लेते। तो मैंने कहा फिर ये गाय की हत्या क्यूँ हो रही है। उन्होंने कहा- यह तो अंग्रेजों की साजिश हैं जो आज तक गाय की हत्या हो रही। . . उस दिन मेरी आँखे खुल गयी और आँखे खुली तो इतनी खुली कि अब सब कुछ दिखाई दे रहा है स्पष्ट इस घटना के पहले में मानता था कि भारत के बहुत सारे मुस्लिम भाई हैं जो गाय का कत्ल कर रहे हैं लेकिन इस घटना के बाद मेरी आँखे खुलीं और मैंने खोजना शुरु किया तो पता चला भारत में सबसे ज्यादा गाय का कत्ल भारत की सरकार कर रही है। मुसलमान नहीं कर रहे हैं और इस देश में ऐसे कई मुस्लिम समाज हैं जिनको में जानता हूँ वो गाय को वैसे ही पालते हैं जैसे आप पालते हैं। आप कभी आएं गुजरात में कच्छ नाम का एक जिल्हा हैं। कच्छ जिले में एक नहीं सैकड़ों नहीं हजारों मुसलमान हैं जो गाय पालन करते हैं। गाय का दूध बेचते हैं। दूध में से दही बनाते हैं। दही से मख्खन निकालते हैं, मख्खन में से घी निकालते हैं और बेचते हैं। आप राजस्थान में आएं, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर इन तीनों जिलों में एक नहीं हजारों मुसलमान हैं जो गाय पालते हैं। गाय का दूध बेचते हैं। दूध में । से मख्खन बनाते हैं फिर घी बनाते हैं और धंदा करते हैं। राजस्थान का एक इलाका है अलवर, मेवाड़ क्षेत्र कहते हैं। पूरा मेवाड़ क्षेत्र जो है ना मुसलमान समाज के भाईयों से डॉमिनेटेड है। वहाँ एक नहीं सेकड़ों मुस्लिम भाई हैं जो गाय पालते हैं। गाय का दूध पीते हैं। गाय के दूध से दही बनाके वैसा ही घी और बिजनेस करते हैं। मुसलमान गाय खाते हैं यह बहुत बड़ा भ्रम है जो हम हिन्दुस्तानियों के बीच में फैलाया अंग्रेजों ने। और यह भ्रम फैलाया था अंग्रेजों की रानी ने जिसको हम दुर्भाग्य से व्हिक्टोरिया कहते रहे। उसने एक चिट्ठी लिखी थी 1894 में। अंग्रेजों का एक अधि कारी हिन्दुस्तान में था उसका नाम था लेन्स डाऊन, गव्हर्नर था इस देश का। उसको एक चिट्ठी लिखी व्हिक्टोरिया ने, चिट्ठी में लिखा कि- देखो हम भारत में जितने भी कत्तल खाने चलाते हैं। उनमें सबसे ज्यादा गाय कटती है। यह भारत के हिन्दुओं को पंसद नहीं है क्योंकि ये उनकी अधिष्ठात्री है। माने हम उसको पुज्यनीय मानते हैं, मातृसमान मानते हैं। हिन्दुओं को पंसद नहीं हैं और वास्तव में मुसलमान भी पंसद नहीं करते गाय को मारना और उसको खाना। गाय तो हमारे लिए काटी जाती है। माने अंग्रेजों के लिए काटी जाती है। अब भारत में हिन्दू और मुसलमान कभी एक गौमाता पंचगव्य चिकित्सा गामातापच Par20RAHA
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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