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________________ हुआ। धीरे-धीरे अंग्रेजों की सेना के हर स्थान पर गाय के मांस की माँग होने लगी। तो अंग्रेजों ने जहाँ-जहाँ सेना थी वहाँ कत्ल खाने खुलवा दिये। अगर आप भारत का . कत्ल खानो का इतिहास ध्यान से समझे। तो जहाँ-जहाँ भी केन्टोनमेन्ट हैं सैनिकों के लिए मिलेट्री कॅन्ट हैं। वहाँ सब जगह कत्ल खाने हैं। उदाहरण के लिये पूर्वी भारत में सबसे बड़ा मिलेट्री कॅन्ट हैं। सबसे बड़ा कत्ल खाना कलकत्ता में। उसके बाद पर्वी भारत में यह दूसरा बड़ा कॅन्ट है बैरकपूर में। दूसरा बहुत बड़ा कत्ल खाना-बैरकपर में। तीसरा है, पटना में। तो कत्ल खाना पटना में। ऐसे ही अगर उत्तर भारत में जायें तो बहुत बड़ा मिलेट्री कॅन्ट है मेरठ में। और बहुत बड़ा कत्ल खाना है मेरठ में। ऐसे ही अगर और थोड़ा आगे बढ़े तो बहुत बड़ा मिलेट्री कॅन्ट है रुड़की में, हरिद्वार के पास। अंग्रेजों ने जहाँ भी अपनी आर्मी को रखा। उन एरिया को मिलेट्री कॅन्टोनमेन्ट के नाम से घोषित किया। हर उस जगह कत्ल खाना होना कम्पलसरी कर दिया। एक तो यह । किया और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण दूसरा काम किया इन अंग्रेजों ने इस देश में कि जहाँ भी अंग्रेजों की आर्मी रहेगी। वहाँ एक कत्ल खाना तो रहेगा ही कम से कम एक वैश्या घर भी होगा। यह भी उन्होंने नियम बनाये। कम से कम एक वैश्या घर होगा। जिसको रेड लाईट एरिया आज की सभ्य भाषा में कहते हैं। अगर आप ध्यान देगें तो जहाँ भी मिलेट्री कॅन्ट है। सब जगह रेड लाईट एरिया हैं। मुंबई में अंग्रेजों की आर्मी रहती थीं। बहुत बड़ा रेड लाईट एरिया मुंबई में। कलकत्ता में अंग्रेजों की आर्मी रहती थी। बहत बड़ा रेड लाईट एरिया कलकत्ता में। मेरठ में अंग्रेजों की आर्मी। बहुत बड़ा रेड लाईट एरिया मेरठ में। और अंग्रेजों का तर्क क्या था। वो यह कहते है कि हमारे सैनिक महिनों महिनों अपने घरों से दूर आकर यहाँ रहते हैं। उनको अपनी शारीरिक भख मिटाने के लिये इसकी जरुरत है। इसलिए वैश्यावृत्ति को ऑरगनाईझड लेवल पर टेड के रुप में एशटेबलिश कर दिया। मैंने हिन्दुस्तान के इस वैश्यावृत्ति के इतिहास पर थोड़ा काम शुरु किया है पिछले कुछ वर्षों से कि आखिर कार यह ऑरगेनाईजड लेवल पर प्रोस्टिटयुशन कब से आया इस देश में। क्योंकि हम इतिहास में पढ़ते हैं तो गणिकायें हुआ करती थी। कोई वैश्या नहीं होती थी इस देश में। गणिका में और वैश्या में जमीन आसमान का अंतर होता है। गणिकायें कौन होती हैं। वह ईश्वर के लिये नृत्य करती हैं। और ईश्वर के ध्यान में ही मग्न रहती हैं। किसी आदमी के लिये नृत्य नहीं करती हैं। परिवार के लिये नहीं करती हैं। किसी भक्त के लिये नहीं। ईश्वर के लिये करती • हैं। तो गणिकाये बहुत थी इस देश में। वैश्यायें नहीं हुआ करती थी इस देश में। वैश्याओं को ऑरगनाईझड तरीके से हिन्दुस्तान में लाकर स्थापित करने का काम अंग्रेजों ने किया। .. . .. एक तो कत्ल खाने खुलवाए गये। दूसरे वैश्या घर खुलवाए गये। गांधीजी को इन दोनों से ही नफरत थी। और गांधीजी बार-बार अपने व्याख्यानों में कहते थे कि गौमाता पंचगव्य चिकित्सा 331
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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