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________________ उसने फिर प्रश्न किया। बापु, कत्ल खानों की जो समस्या है भारत में इससे भी ज्यादा बड़ी कई समस्यायें हैं। गरीबी की है। बेराजगारी की है। भुखमरी की है। भारत देश में उस जमाने में आप जानते हैं हिन्दु-मुसलमानों के दंगे हो रहे थे। वो एक बड़ी समस्या है। तो आप इतनी बड़ी-बड़ी समस्याओं को छोड़कर और सम्भावना उस समय यह हो गई, क्योंकि पाकिस्तान बनेगा लगभग तय हो गया था। लेकिन गांधीजी ने उसे स्वीकार नहीं किया था। और गांधीजी ने घोषणा कर रखी थी कि पाकिस्तान बनेगा तो मेरी लाश पर बनेगा। मैं पहले मरूँगा। बाद में पाकिस्तान बनेगा। तो माउन्टबेटन ने फिर प्रश्न दोहराया अपना कि इतनी बड़ी-बड़ी समस्यायें भारत में हैं। उनको छोड़कर कत्ल खाने बंद करेंगे। यह तो बहुत छोटी सी समस्या है। गांधीजी ने भी उससे बड़ा उत्तर दिया। उन्होंने कहा “देखो माउन्टबेटन, मेरे लिये भारत में कत्ल खानों का. चलना सबसे बड़ी समस्या है। अगर अंग्रेज यह कहें, अंग्रेजों के लिये वो कह रहे है, कि भारत की आजादी और कत्ल खानों के बंद होने में से कोई एक गांधीजी चुनाव करें तो माने अगर अंग्रेज अगर मुझको यह कहें किं आप तो भारत की आजादी ले लो या कत्ल खाने बंद करा दो। तो मेरा चुनाव होगा कि कत्ल खाने पहले बंद होने चाहिये। आजादी बाद में आ जायेगी। फिर माउन्टबेटन ने आखरी बार एक और बात पूछ ली कि आपको ऐसा लगता है क्या बापु यह कत्ल खानों के बंद हो जाने से भारत की सब समस्याओं का समाधान हो जायेगा। तो गांधीजी ने कहा • देखो सब समस्याओं का समाधान नहीं हो जायेगा। यह मै जानता हूँ। लेकिन कत्ल खानों के बंद होने से सारी समस्याओं का रास्ता खुल जायेगा। और जब तक यह कत्ल खाने चलेंगे। भारत की किसी भी समस्या का समाधान नहीं होने वाला। यह बात गांधीजी और माउन्टबेटन के बीच की है। बाद में माउन्टबेटन ने कहा यह मैं वृत्तपत्र में दे दूं छापने के लिये। गांधीजी ने कहा- दे दो। और भारत से अच्छा है लंदन में दे दो। . तो लंदन के कई अखबारों में गांधीजी की यह मुलाकात छपी। बाद में गांधीजी का इंटरव्यु लेने के लिये और भी बहुत सारे लोग आये लंदन से। और कई-कई तरह के सवाल उन्होंने गांधीजी को पूछे। सबको उन्होंने एक ही जवाब दिया कि अगर मुझे आजादी और पशुओं की रक्षा में से कुछ चुनना पड़े। तो पशुओं की रक्षा को पहले चुनूगाँ। आजादी तो बाद में आती रहेगी। क्योंकि आजादी तो हमें उसी दिन मिल जायेगी। जिस दिन हम हमारे पशुओं को बचाने का काम शुरु कर देंगे। - इस तरह की बात कहने वाले महात्मा गांधी अब इस देश में जीवित नहीं हैं। लेकिन हम हिन्दुस्तानी मानते हैं कि, उनकी आत्मा को हम कोई श्रद्धाजंली दें तो उनकी इस बात को याद करें कि गांधीजी के बाद क्या हुआ इस देश में। जो महात्मा गांधी कहते थे कि कलम की एक नौंक से मैं सारे कत्ल खाने बंद करा दूंगा। वो महात्मा गौमाता पंचगव्य चिकित्सा S ..... ... . . ENSESASAR..
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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