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________________ गाय का गोबर अगर खेत में ना पड़े तो गेहूँ नहीं हो सकता। गाय का गोबर अगर. खेत में ना पड़े तो चना नहीं हो सकता। मटर नहीं हो सकती। और गेहूँ चना मटर अगर नहीं हो सकता तो हमारा पेट नहीं भर सकता। तो जिस गाय से हमको इतनी महत्त्वपूर्ण और बेशकीमती चीज मिल रही है उसका हम ने नुकसान किया है। करोड़ों रुपये खाद का नुकसान हुआ है पिछले पचास सालों में। और आप.मान लीजिए एक साल में एक गाय दस से पंद्रह हजार रुपये का दूध देती हो। तो यह जो 38 करोड़ . गौवंश का नाश हुआ है पिछले पचास साल में। यह कितने करोड़ रुपये के दूध का नाश कर दिया है हमारी सरकार ने। और आपको मालूम नहीं है, कि गाय का गोबर और गाय का दूध। उससे भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है गाय का मूत्र। और आपको यह जानकर खुशी होगी और आश्चर्य भी होगा की गाय के मुत्र से 108 तरह की दवायें बनती हैं। और हमारे देश के आयुर्वेद के जो बड़े ग्रंथ हैं चरकसंहिता, सुश्रुत, हरित संहिता इन . सभी आयुर्वेद के ग्रंथो में गाय का मूत्र बहुत विशेष किस्म की दवा माना जाता है। __ एक बीमारी है उसका नाम है डायबिटीज। यह डायबिटीज नाम की बीमारी का कोई इलाज नहीं है होमियोपैथी में। कोई इलाज नहीं है ऐलोपैथी में। और कोई. इलाज नहीं है दुनिया की किसी पैथी में। डायबिटीज को कंट्रोल तो किया जा सकता है लेकिन उसका इलाज करना बहुत मुश्किल है। ऐलोपैथी वाले तो कभी यह गारंटी दे नहीं सकते कि वो डायबिटीज जैसी बीमारी को ठीक कर सकते हैं। डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं लेकिन ठीक नहीं कर सकते। वो डायबिटीज जैसी बीमारी गाय के मूत्र से हमेशा-हमेशा के लिये खत्म हो जाती हैं। तो गाय का दूध। गाय का गोबर। गाय का मूत्र। यह सब बहुत जरुरी चीजे हैं। और अगर 38 करोड़ गौवंश के पशुओं का नाश हुआ है पिछले पचास साल में तो आप अंदाजा करिये कि कितने लाख करोड़ रुपये की हम ने बर्बादी की है इस देश में पिछले पचास साल में। .. .. और आज भी आपको मैं जानकारी हूँ कि हिन्दुस्तान में इस समय भयंकर समस्या चल रही हैं पेट्रोल की और डीजल की। पेट्रोल और डीजल की समस्या जो चल रही। वो क्या है ? भारत सरकार हर साल यही कहती रहती है कि हिन्दुस्तान में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाये जाने चाहिये। क्यूँ? क्योंकि भारत सरकार के ऑइल पूल अकाउन्ट का डेफिसिट बढ़ता ही चला जाता। कभी पूरा ही नहीं होता है। वो ऑइल पूल अकाउन्ट में हमेशा घाटा रहता है हजारो करोड़ का। उस ऑइल पूल अकाउन्ट . . के डेफिसिट में तो यह पेट्रोल और डीजल का ज्यादा हिस्सा बाहर से आयात करना पडता। और जैसे-जैसे आपके रुपये की कीमत गिरती चली जाती है। वैसे-वैसे बाहर से आने वाले पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ता चला जाता है। क्योंकि आपका रुपया गिरेगा तो बाहर से आने वाली चीजों का आयात मँहगा होता चला जायेगा। तो आपके गौमाता पंचगव्य चिकित्सा
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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