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________________ - के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें। . या गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। 2. नाक में गाय का घी डालें। 3. मुँह खोलकर कान में सरसों या तिल के तेल की दो-चार बूंदें डालें। 4. कान के बाहर वातनाशक तेल लगायें। 5. कान को ढककर रखें और पंखे आदि की तेज हवा से बचें। अपथ्य : गैस करने वाले आहार जैसे आलू, गोभी, प्याज, फ्रिज की चीजें, बासी भोजन, मैदा, बेसन पथ्य : लहसुन 9. ऊँचा सुनना (कम सुनना) 1. नाक में गाय का घी डालें 2. मुँह खोलकर कान में गौमय तेल की दो-चार बूंदें डालें। 3. पंखे आदि की तेज हवा से बचें। 10. तुतलाना प्राय : तुतलाना उम्र बढ़ने के साथ-साथ ठीक हो जाता है। 1. यदि मस्तिष्क की कमजोरी के कारण तुतलाना होता है तो ब्राह्मी घृत को नाक में डालें तथा सुबह-शाम गर्म दूध में डालकर पीयें। 2. वाकेन्द्रिय (जीभ) की कमजोरी के कारण तुतलाना होता है तो सामान्य गाय का घी नाक में डालें और सुबह-शाम गर्म दूध में डालकर पीयें। . 3. ऋतु, प्रकृति और अवस्था के अनुसार देशी गाय के गौमूत्र को सूती कपड़े को आठ परत (fold) कर छानकर पीयें। .. या गौमूत्र अर्क, गौमूत्र घनवटी या गौमूत्रासव या गौमूत्र हरीतकी वटी का सेवन करें। . 4. सुबह गौमय दंतमंजन करें और मंजन करने के बाद आऽऽ आवाज करते हुए उंगलियों से जीभ को रगड़े, इससे न केवल जीभ और कंठ ही साफ होगा बल्कि नाक, आँख, कान आदि की वाहिनियाँ भी साफ हो जाती हैं। 5. दिन में 4-5 बार जीभ पर काली मिर्च रखकर चूसना। अपथ्य : चॉकलेट, सुपारी, अधिक मीठा . . गौमाता पंचगव्य चिकित्सा ... 115: . ..
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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