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________________ चन्द्रात्सप्तमगे विधवामसती कुजे बुधे चापि । ससुतां गुरौ च शुक्रे ससपली निःस्वतां च शनौ ॥१४॥ शनी कध्या गुरौ सूता भौमे दैत्यगुरौ रयो । मृतौ * वा सप्तमे स्थाने यद्यायान्ति ग्रहा अमी ॥१५॥ दन्तुरां श्यामिका जीर्णा शनौ राहो क्योतिगाम् । प्रश्ने नारी सदा अयात् पुमांसं चापि लग्नवित् ॥१६॥ आषाढो भास्करो ज्ञेयो ज्येष्ठमासः कुजे पुनः । श्रावणः सयले शुक्रे चन्द्रे भाद्रपदः पुनः ॥१७॥ पौषश्च मार्गशीर्षश्च गुरौ शेऽश्विनकार्तिको । चैत्रवैशाखको रादौ मन्देऽथ माधफाल्गुनी ॥१८॥ प्रश्नकाल में यदि सूर्य चन्द्रमा से सप्तम हो तो कन्या विधवा होगी, मंगल और बुध हो तो व्यभिचारिणी, बृहस्पति हो तो पुत्रयुक्ता, शुक्र हो तो सौतिनवाली, शनि हो तो दरिद्रा होगी ॥१४॥ यदि (चन्द्रमा अथवा लग्न से सप्तम ) शनि हो तो वन्ध्या, पृहस्पति, मंगल, शुक्र और सूर्य में से कोई ग्रह हो तो सन्तान प्राप्त करने वाली कन्या का जन्म होगा ॥१५॥ - यदि प्रश्नकाल में प्रश्नलग्न से सप्तम शनि वा राहु हो तो ऊंचे दांत वाली, श्यामवर्ण, दुर्बल और वृद्ध स्त्री वा पुरुष होंगे ॥१६॥ प्रभकाल में यदि सूर्य ( बली) हो तो आषाढ़ में, मंगल (बली) हो तो ज्येष्ठ में, शुक्र बली हो तो श्रावण में, चन्द्र बली हो तो भाद्रपद में (प्रसव होगा)॥१७॥ प्रअलग्न में यदि गुरु बली हो तो मार्गशीर्ष वा पौष, यदि बुध होतो आश्विन वा कार्तिक, यदि राहु हो तो चैत्र वा वैशाख और यदि शनि बली हो तो माघ वा फाल्गुन में प्रसवकाल समझना चाहिए ।।१८।। 1. This verse is missing in B. 2. वृद्धां for वन्च्या A., B. 3. सूतां for सूता A, B. For this line Bh. reads :- शनो वृद्धां गुरुसुतां भौमादित्ये गुरौ खौ। 4. I have adopted the reading of anf for (Amb.) 5 One of the peculiarities of this ms. is the use of R for . as in वैशाख ।
SR No.009389
Book TitleTrailokya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhsuri
PublisherIndian House
Publication Year1946
Total Pages265
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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