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________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र अन्य लक्षण प्राचीन भारतीय सामुद्रिक शास्त्र में मनुष्यों के अंगों के बारे में विवेचन किया गया है, हस्तरेखा विशेषज्ञ को सामुद्रिक शास्त्र का अध्ययन भी आवश्यक होता है। सामुद्रिक ज्ञान होने से भविष्यवाणी करने में सहयोग मिलता है सामुद्रिक शास्त्र का व्यवहारिक विवेचन इस प्रकार है। • बेचैनी से एक दूसरे से हाथ रगड़ने वाले व्यक्ति किंकर्तव्य-विमूढ़, हतोत्साह और स्वभाव से अमीर होते है। • कुहनी पर मुड़े हुए हाथ आत्मगर्व, प्रपंच और दूसरों के प्रति हेय भावना रखने वाले होते हैं। • अंगूठे के जोड़ पर यव का चिह्न बुद्धि और सम्पत्तिवान पुरुषों के होते हैं। • पांच से ज्यादा उंगलियों वाला व्यक्ति दरिद्र और याचक होता है। • नसयुक्त टेढ़े पृष्टभाग वाला व्यक्ति दरिद्र होता है। • छोटी ग्रीवा श्रेष्ठ व्यक्ति की होती हैं। • टेढ़ी ग्रीवा चुगलखोर व्यक्ति की होती हैं। • चौड़ा मुंह दुर्भाग्य का सूचक हैं। • लम्बी ग्रीवा अधिक भोजन वाले व्यक्तियों की होती हैं। • स्त्रियों के समान मुख संतानहीनों का होता हैं। • चौकोर मुंह धोखेबाज, मायावी व्यक्तियों का होता है। • छोटे मुंह वाले व्यक्ति कंजूस कहे जा सकते हैं। • गुलाबी होठ प्रतिभावानों के होते हैं। • मोटे होठ प्रफुल्ल व्यक्तियों के होते हैं।
SR No.009374
Book TitleSaral Samudrik Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year
Total Pages88
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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