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________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र अध्याय-3 3. Effect of Hairs on Human Body यदि स्त्रियों की त्वचा का बाहरी भाग रूखा, सिलवट पड़ा हुआ, दबा हुआ, शिरा में दिखाई देने वाला और केशों वाला कर पृष्ठ स्त्रियों के होता है तो ऐसा माना जाता है कि उसका वैधव्य योग है। पुरुष के लिए भी ऐसा होना अशुभ है। अधिक केश होने से तो वह दरिद्र सूचक है पर शारीरिक काम कर सकता है। महिला के हाथों पर बाल होने से पाश्चात्य मत वालों का कहना है कि वह स्त्री दुष्टा और लड़ाकू होती है। पुरुष के होने से वह आक्रोश प्रकृति का होता है। अंगूठे के ऊपर केश का होना वे अच्छा बतलाते हैं। अंगुली के तीसरे पोर के पीछे बालों का होना पुरुष को कठोर बनाता है। दूसरे और तीसरे दोनों अंतिम पोरों पर रहने से व्यक्ति सबका प्रियपात्र होता है। ब्रिटेन और अमेरिकन लेखक तीसरी पोर पर बालों के होने को कठोरता का सूचक बताते हैं। 'हार्ड टास्क मास्टर' ने कहा है, पृष्ठ भाग पर बिल्कुल ही बाल न हो तो डरपोक और पुरुषत्वहीन होता है। थोड़े बाल और कहीं कहीं पर बाल होना मतलबी और दूरदर्शिता का सूचक बताया है। एक लेखक ने अंगूठे पर स्थित बालों वाले व्यक्ति के बारे में यह कहा है कि इस प्रकार का व्यक्ति कोई नई चीज खोज करता है तथा उसमें पैतृक गुणों की प्रधानता के साथ-साथ प्रतिभा भी रहती है। नरम और मुलायम बाल स्त्रियोचित नाजुकता के परिचायक हैं। ऐसे पुरुष स्त्रीतुल्य काम, साज-सज्जा, चाल-ढाल वाले होते हैं। वह व्यक्ति भावुक,
SR No.009374
Book TitleSaral Samudrik Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year
Total Pages88
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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