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• मस्तिष्क रेखा पर क्रास चिह्न होने पर आयु के उस भाग में दिमाग से सम्बन्धी बीमारी का सामाना होता है। • भाग्य रेखा पर क्रास का चिह्न होने से आयु के उस भाग में भाग्य परिवर्तन होने का अवसर आता है। हृदय रेखा पर होने से रक्तचाप सम्बन्धी बीमारी होती है। • विवाह रेखा पर होने से विवाह नहीं होता, यदि होता भी है तो दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं रहता है। नोट- बृहस्पति क्षेत्र के अलावा हाथ में कहीं पर भी क्रास का चिह्न हो, तो उसके प्रभाव को न्यून कर विपरीत फल देने लगता है।
त्रिभुज
तीनों ओर से परस्पर मिली हुई रेखाएँ त्रिभुज कहलाती हैं, गहरी रेखाओं से निर्मित त्रिभुज शुभ फलदायी होता है। वैसे तो त्रिभुज बहुत कम हाथों में पाये जाते हैं। यह जितना ज्यादा बड़ा होगा, उतना श्रेष्ठ एवं फलदायी माना जाता हैं। जिस व्यक्ति के हाथ के मध्य में त्रिभुज होगा। वह सद्गुणी, सच्चरित्र वाला, भाग्यवान, क्रियाशील, ईश्वर में आस्था रखने वाला और उन्नतिशील होता है। ऐसा व्यक्ति शान्त एवं मधुरभाषी, तथा धीर-गम्भीर होता है। त्रिभुज जितना बड़ा होगा, व्यक्ति उतना ही विशाल हृदय तथा कठिनाईपूर्वक सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति होता है तथा आत्मविश्वास कम होता है। यदि बड़े त्रिभुज में एक ओर छोटा त्रिभुज बन जाये तो वह अवश्य ही उच्च पद को प्राप्त करता है। मंगल क्षेत्र पर निर्दोश त्रिभुज होने से व्यक्ति धैर्यवान, रणकुशल तथा वीरता के लिए राष्ट्रीय पुरष्कारों से सम्मानित होता है, युद्ध में वह अपूर्व वीरता दिखलाता है। मुसीबत में भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होता। ऐसा व्यक्ति सेना का कोई बड़ा आफीसर हो सकता है। किन्तु दूषित त्रिभुज होगा तो व्यक्ति निर्दयी और कायर होगा। बुध क्षेत्र पर त्रिभुज होने से सफल वैज्ञानिक या अच्छा व्यापारी होता है। उसका व्यापार देश-विदेश में फैला होता है तथा ये दूसरे की कमजोरी