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________________ डालकर हटाये गये गोबर-मिट्टी के घोल से फिर से बंद करें जिससे हौदी में नमी और गरमी बनी रहे। इस खाद को पकने पर मुलायम कचरा हो तो 105 दिनों के बाद या कड़ा-सूखा कचरा हो तो 120 दिनों के बाद बाहर निकालकर एक इंच में 36 छेद वाले चलनी से छानें। करीब ढाई टन अच्छी खाद छनकर मिलेगी। एक एकड़ भूमि (43590 फिट) के लिये दो हौदी से निकली छनी हुई खाद बीज के साथ बोने से पर्याप्त होगी। छनने के बाद बचा कचरा दुबारा खाद बनाने के लिये काम में लाने से अगली खाद कम समय में बनेगी। 2. सीमेंट-ईट की हौदी का विकल्प सीमेन्ट - ईंट से बनी एक हौदी बनाने का खर्च दो हजार रुपयों तक बैठेगा। जिन्हें यह खर्च करना भारी पड़ता हो वे खेत में-जंगल में उगे वनस्पतियों से - जैसे बेशरम, तुवर, कपास, ज्वार के सूखे पौधे द्वारा कटघरा बनाकर भी उसमें ऊपर बनाये पद्धति से खाद बना सकते हैं। एक साल के भीतर यह कटघरा गल जायेगा तो यही कचरा कंपोस्ट में काम देगा, फिर नया कटघरा बना सकते हैं। बांस, नारियल की टहनियों से भी कटघरा बनाया जा सकता है। 3. अर्ध भूगर्भ हौदी - जहाँ जमीन सख्त हो वहाँ जमीन के भीतर डेढ़ फीट- गड्ढा बनाकर फिर जमीन के ऊपर नाडेप पद्धति जैसी डेढ़ फीट दिवारें खड़ी करें। इसमें आधा खर्च बचेगा और नाडेप पद्धति के अधिकांश लाभ मिलेंगे। जमीन के ऊपर डेढ़ फीट दिवारें बनाते समय गड्ढे के किनारों से आध फीट जगह छोड़कर दिवारें बनायें जिससे वह हौदी गड्ढे में नहीं ढहेगी। 4. बायोडंग पद्धति - इस पद्धति में जमीन के ऊपर नाडेप पद्धति जैसी परत दर परत रचना की जाती है। फिर इस ढेर को काले पॉलिथिन से पूरा ढक देते हैं। पंद्रह बीस दिन बाद पॉलीथीन हटाकर इस ढेर को पानी छिड़ककर फावड़े से पलटी देकर मिलाते हैं। फिर उसका पूर्व जैसा ढेर बनाकर पॉलीथीन से ढंक देते हैं। दो माह में मुलायम खाद तैयार मिलती है। 5. बाड़ा पद्धति जहाँ पशु रखे जाते हैं, उसके छत को औसत से तीन फीट अधिक ऊंचा रखा जाता है। पशु बाँधने की जगह मुलायम कचरा बिछाकर उस पर नाम मात्र महीन मिट्टी छिड़कते हैं। पशुओं का मूत्र वहीं गिरता है। गोबर को उसी जगह फैलाकर । स्वदेशी कृषि .........................................--- --- ......... --------- ....... ८५
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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