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________________ 18. देहात और शहर में उपलब्ध मल-मूत्र - खर-पतवार आदि की एक लाख करोड़ रुपयों की खाद बनेगी । उससे दो लाख करोड़ रुपये का उत्पादन खेती में होगा, भूख - बेकारी मिटेगी, विदेशी कर्जा कटेगा । 19. गाँव की ओर से काम के लिये शहर में हो रहे पलायन थमेंगे और नई नारकीय झुग्गी झोपड़ियां नहीं बनेंगी। शहर में बसे देहात के निवासी अपने गाँव लौटने लगेंगे। बदसूरत बनते जा रहे शहरों की सुरक्षा स्थिति सुधरेगी इसलिये कंपोस्ट खाद हमारे लिये मांगल्य लाने वाला मांगल्य दूत है, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये वरदान है। आम जनता को स्वावलंबी, समर्थ बनाने वाला जीवनदायी पथ है। जबकि सब तरह से बरबाद करने वाली रासायनिक खाद, सर्व विनाशकारी मृत्यु की ओर ले जाने वाला कुमार्ग है। हम संकल्प करें कि हमारे परिवार की महिलाएं जैसे अपने ही घर में परिवार के लिये भोजन पकाती हैं वैसे ही हम किसान भी अपनी भूमि का, फसल का भोजन खाद भी अपने खेत पर पकायेंगे । हमारा मंत्र 'घर - घर में रोटी, खेत-खेत पर खाद ' सेंद्रिय खाद बनाते समय ध्यान रखने की बातें 1. जहाँ खेत हो वहीं पर खाद बनायें। इससे ढोने के अनावश्यक श्रम और समय की बचत होगी । 2. बारिश के पानी का बहाव खाद में न आये ऐसी जगह का चुनाव करें। 3. यथासंभव पेड़ की छांव वाली जगह हो । 4. कचरा विविधप्रजाति का रहा तो खाद में विविध उपयोगी तत्व आयेंगे । 5. कचरा मोटा या अधिक लंबाई वाला हो तो उसके छोटे टुकड़े करें । उसमें कुछ सूखा, कुछ हरा हो तो खाद जल्दी बनेगी । 6. गेहूं या सोयाबीन के जैसा ध्प बैठने वाला कचरा हो तो उसके साथ दूसरा कचरा मिलावें । 7. खाद बनाते समय कचरा बहुत ढीला या सख्त न रहे। हल्का दबाव उस पर डालकर उसे समतल करें । 8. बबूल के बीज या गाजर घास के बीज उसमें न हों। कंकड़, टीन, रबड़, प्लास्टिक के टुकड़े अलग किये जायें। ८२ स्वदेशी कृषि
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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