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________________ फेड्रल स्ट्रक्चर है उसमें क्या होता है? केन्द्र कोई ऐसा कानून बनाना चाहता है जिससे राज्य पर प्रभाव पड़ता है, तो केन्द्र पहले राज्य सरकार को पूछेगा और राज्य सरकार कोई ऐसा कानून बनाना चाहती है जिसका अधिकार क्षेत्र केन्द्र के पास है तो राज्य सरकार केन्द्र से पूछती है। माने केन्द्र सरकार राज्य को पूछे बिना या राज्य सरकार केन्द्र को पूछे बिना इस तरह के कानून नहीं बना सकती। गैट करार लागू होने के बाद यह नहीं होने वाला। - गैट करार के बाद तो यह हालत हो जायेगी कि सरकार सोच भी नहीं पायेगी किसी कानून के बारे में, वो विदेशों से बनकर आ जायेगा। गैट के ऑफिस से बनकर आ जायेगा और भारत में लागू हो जायेगा। इसलिए हम लोग इसको कहरहे हैं कि यह कॉन्ट्रा कॉन्स्टीटयुशनल ऍग्रीमेन्ट है अर्थात संविधान विरोधी यहदस्तावेज है इसलिए इसको रद्द करना ही होगा। हम देश के लोगों को बताना चाहते हैं कि हम यह काम क्यूँ कर रहे हैं, गैट करार का विरोध क्यूँ कर रहें है, हम W.T.O. के ऍग्रीमेन्ट का विरोध क्यूँ कर रहे हैं, उससे देश को क्या नुकसान है और यही बात मैं आपको समझाना चाहता हूँ। अब इस पूरी प्रक्रिया में से बाहर निकलना है हमारे अपने देश को। तो मुझे लगता है कि हमको गैट करार रद्द करवाना पड़ेगा। इसी के साथ-साथ जो कानून इस देश में किसानों को बर्बाद करने के लिए बनाये गए हैं वो कानून भी रद्द करवाने पड़ेंगे और इसकी लड़ाई भी हमको अलग से शुरु करनी है। अंग्रेजों के जमाने के बनाये गये जो कानून भारत में आज भी लागू हैं उन सबको एक-एक कर के रद्द किया जाए। और तकलीफ हमारी क्या है? अंग्रेजों के जमाने के बनाये हुए तीन हजार सात सौ पैंतीस कानून है इस देश में, जो आज भी लागू हैं। मैंने आपको बताया था लैण्ड अॅक्युझिशन है जो लागू है। अंग्रेजों के जमाने का इंडियन फॉरेस्ट है। अंग्रेजों के इंडियन सर्विसेस एक्ट जो लागू है अंग्रेजों के जमाने का। तो ऐसे अंग्रेजों के जमाने के बनाये हुए तीन हजार सात सौ पैतीस कानून इस देश में आज भी है। सब कानूनों को एक-एक कर के रद्द करवाना होगा और इसके लिए बहुत बड़े पैमाने पर आन्दोलन चलाना पड़ेगा। किसानों की जमीनों पर सरकारों के अधिकार ना होने पाये इसके लिए हमको लड़ना होगा। और लैण्ड अॅक्युझिशन एक्ट को खत्म करवाना होगा। यह जो जंगल है यह समाज की सम्पति है,राष्ट्र की सम्पति है, गाँव की सम्पति है, इसके लिए लड़ना होगा और इंडियन फॉरेस्ट एक्ट को बदलवाना होगा। अंग्रेजों के आने से पहले जैसे जंगल; गाँव व समाज की सम्पति माने जाते थे वैसी ही व्यवस्था फिर बनानी होगी। इसी तरह से गाँव के किसान को अपने खेत में पैदा किये गए अनाज का दाम स्वदेशी कृषि स्वदेशा कृषि .............. . ..
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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