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________________ जो स्तर है। नदियों की गहराई है वो कम होती चली जाएगी। नदियों में मिट्टी बढ़ती चली जाएगी तो पानी कम आयेगा नदियों में। और पानी कम आयेगा तो बाढ़ आयेगी और बाढ़ आयेगी तो किसानों की फसल चौपट हो जायेगी। अंग्रेजों ने इस तरह से कानून बना दिया 'इंन्डियन फॉरेस्ट एक्ट'का और फिर उसका सत्यानाश किसानों को झेलना पड़ा। एक तो जंगलों से मिलने वाली संपत्ति किसानों के लिए बंद हो गई। दूसरा जंगल जो किसानों की सुरक्षा व्यवस्था कर सकते थे वो जंगल फिर धीरे-धीरे खत्म होते चले गए। एक काम और किया अंग्रेजों ने, उनकी सरकार ने कि किसान जो कुछ भी अनाज पैदा करता था अपने खेत में उसका मूल्य अंग्रेजों की सरकार तय करती थी। माने पैदा करता था किसान और मूल्य तय करती थी अंग्रेजों की सरकार। तो बड़ी मंडीया होती थी,बड़े हाट लगते थे, बड़ी पेठलगती थी, जिसमें किसान अपना अनाज बेचने के लिए इकट्ठे होते थे तो अंग्रेजों का बड़ा ऑफीसर जाता था और उस मंडी में जाकर अनाज का दाम तय कर आता था। यह अनाज इस दाम पर बिकेगा। यह अनाज इस दाम पर बिकेगा। माने मेहनत किसान करता था और अनाज का दाम अंग्रेज तय करते थे और जानबुझकर अंग्रेजों की सरकार किसानों की मेहनत से पैदा किए गये अनाज का दाम इस तरीके से तय करती थीं कि किसानों को ज्यादा कुछ मिलने ना पाए। उनको लगातार नुकसान होता चला जाये। उनको लगातार घाटा होता चला जाये। इस तरह का कानून अंग्रेजों ने बना रखा था इस देश में। बाद में अंग्रेजों ने क्या किया कि किसान अपने अनाज को एक गाँव से लेकर दूसरे गाँव में जाये बेचने के लिए तो उसपर भी बंदी लगा दी। एक गाँव का किसान अपने अनाज को लेकर दूसरी जगहजाकर बेच नहीं सकता। एक जिले का किसान अपने अनाज को लेकर दूसरे जिले में जाकर बेच नहीं सकता। इस तरह की सक्त पांबदी अंग्रेजों ने, उसकी सरकार ने लगा दी और इस तरहसे किसानों को बिलकुल घेर के रख दिया। अंग्रेजों की सरकार ने कानून बना-बनाकर और यह हर तरह का कानून बनता था और जो किसान उनका पालन नहीं करते थे तो उनको फाँसी दी जाती थी। उनको कोडे लगाये जाते थे। कई बार अंग्रेजों की सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए कुछ इस तरह के भी काम करती थी। जैसे जबरदस्ती किसानों से कुछ खास तरह की फसल पैदा करवायी जाती थी। आप जानते है बिहार के किसानों को अंग्रेज जबरदस्ती नील की खेती करवाते थे। जिस जमीन पर सबसे ज्यादा धान पैदा हो सकता है बिहार स्वदेशी कृषि - २७
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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