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________________ संपत्ति को नीलाम करवा देना, उस किसान के गाय, बैल खोल के ले जाना, उस किसान को कोडे से मारना, उस किसान को गाँव की जाति से बहिष्कृत करवा देना। यह सब अंग्रेजों की सरकार उनको दंड के स्वरुप में दिया करती थी। तो किसान को मजबूरी में अपने उत्पादनका पचास प्रतिशत हिस्सा अंग्रेजों की सरकार को देना पड़ता था। और मैंने आपको यह बताया कि जो किसान नहीं देते थे उनको गोली मार दी जाती थी। जो किसान नहीं देते थे उनको कोडे मारे जाते थे। जो किसान नहीं देते थे उनके घर जला दिये जाते थे। जो किसान इस तरह से लगान नहीं देते थे अंग्रेजों को, उनको गाँव से बहिष्कृत करवाया जाता था। इस तरह के अत्याचार अंग्रेजों की सरकार किसानों पर करती थी। तो, एक तो अंग्रेजों की सरकार ने भारत के किसानों को जो बर्बाद किया उसमें सबसे पहला जो कारण था वह यह कि उन्होंने भारत के किसानों पर टॅक्स लगा दिया। लगान वसुलना शुरु कर दिया। 1760 से लेकर लगातार 1890 तक, 1900 तक इस तरह का लगान किसानों से वसूला जाता था। तो आप सोच सकते हैं कि लगातार 100-150 वर्षों तक अगर किसानों से पचास प्रतिशत उत्पादन छीन लिया जाए हर साल उनकी खेती का, तो किसान तो बर्बाद होते ही चले जायेंगे। दूसरा क्या काम किया अंग्रेजों की सरकार ने - किसानों को बर्बाद करने के लिए दुसरा काम अंग्रेजों की सरकार ने यह किया कि किसानों की जो जमीनें होती थी। खेत होते थे। उनको बेचने का एक सिलसिला शुरु करवा दिया इस देश में। आप जानते हैं कि अंग्रेजों के आने के पहले तक भारत में जमीन बेची नहीं जाती थी। खेत इस देश में कभी बेचने की वस्तु नहीं रहा। किसान की जमीन - उसको अपनी माँ की तरह से मानता है किसान। और किसान इस देश में कहते रहे हैं कि जिस तरह से माँ का सौदा नहीं हो सकता। उसी तरह से जमीन कभी खरीदी-बेची नहीं जाती और भारत का किसान जो खेती करता रहा है। उस खेती को करने के पीछे उसके मन में जो धारणा रही है। वो यह कि यह खेती तो ईश्वर की दी हुई है। यह जमीन तो ईश्वर की दी हुई है। ईश्वर की बनाई हुई प्रकृति से यह जमीन मुझको मिली है। इसलिए इस जमीन को बेचने का अधिकार मुझको नहीं है। तो किसान कभी जमीन को बेचता नहीं था इस देश में। इस देश में जमीन नहीं बेची जाती थी। कभी-भी इस देश में दूध नहीं बेचा जाता था। कभी-भी इस देश में दुध से उत्पन्न होने वाली तमाम दूसरी चीजें नहीं बेची जाती थी। उसको पाप माना जाता था भारतीय समाज में भारतीय सभ्यता में। तो अंग्रेजों ने क्या किया कि कानून बनाया एक ऐसा जिससे जमीनों को खरीदा और बेचा जा सके। और अंग्रेजों ने पहली बार इस देश में जमीन को खरीदने और बेचने की परम्परा शुरु करवा दी और बाद में । २० स्वदेशी कृषि
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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