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________________ आपस में मिलाकर 15 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए। 2) कपास की खेती के लिये 150 किलोग्राम निम्बोली की खली (निम्बोली में से तेल निकालने के बाद बचा हुआ चूरा) प्रति एक हेक्टेयर खेत में दस-पन्द्रह दिन के अन्तर पर छिड़कने से किसी भी तरह का कीड़ा फसल पर नहीं लगता। 3) मूंगफली की खेती में कीटनाशक के रूप में प्रयोग के लिए1.5 किलोग्राम सीताफल के पत्तों की चटनी बनाकर एक लीटर पानी में डालकर एक रात तक रख देना चाहिए। इसके ही साथ 500 ग्राम सूखी (लाल) मिर्च पानी में रात भर के लिए रखकर तथा 2 लीटर पानी में 1 किलोग्राम निम्बोली को पीसकर ऊपर से दो किलोग्राम पानी मिलाकर एक रात रखकर, तीनों द्रवों को 10 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़कना चाहिए। इससे सभी हानिकारक कीट समाप्त हो जाते हैं। यह दवाई बैगन की फसल के ऊपर भी डाली जा सकती है। 4) नफतिया के 500 ग्राम पत्ते 2.5 लीटर पानी में डालकर इतना गरम करें कि पानी आधा रह जाय फिर इस दवाई को 25 लीटर पानी में मिलाकर कपास पर छिड़कें। 5) केतकी के पेड़ के 500 ग्राम पत्ते दो लीटर पानी में इतना गरम करें कि पानी आधा रह जाय फिर इसे 50 लीटर पानी में मिलाकर कपास की फसल पर छिड़कें। ज्वार की फसल के लिये 6) तीन किलोग्राम नीम के पत्ते को पीसकर उसमें 300 ग्राम हल्दी मिलायें। फिर उसमें 5 लीटर गोमूत्र और 5 किलोग्राम गाय गोबर को 20 लीटर पानी में डालकर दो दिन तक रखने के बाद उसे खूब मिलायें और दो सौ लीटर पानी में घोलकर खेती पर छिड़कें, सभी तरह के हानिकारक कीट मर जायेंगे। 7) किसी भी प्रकार की सब्जी के लिये 1 किलोग्राम तम्बाकू को दो लीटर खट्टी छांछ में मिलायें। फिर इस मिश्रण को 15 लीटर पानी में मिला कर और हर 10 दिन के अन्तर पर सब्जियों पर छिड़कें। इससे कीट नहीं लगेंगे। 8) 10 किलोग्राम सूखी निम्बोली को पीसकर पावडर बनायें फिर उसे एक कपड़े में भरकर पोटली बनाकर 500 लीटर पानी में इस पोटली को हाथ से मसलकर रस निकालें। यह किसी भी तरह की फसल के लिये उपयोगी है। स्वदेशी कृषि ___ १०७
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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