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________________ १७ पाठक्षपण के पारणे के लिये भगवान् २५ लाढदेश में भगवान के विहार का वर्णन ३११-३२२ का बहुलब्राह्मण के घरजाने आदिकावर्णन २१७-२२४ २६ भगवान् के आचार के पालन विधिका १८ भगवान् का यक्षकृत उपसर्ग का वर्णन २२५-२३४ वर्णन ३२३-३३४ १९ चण्डकोशिक बल्मिक के पार्श्वमे भगवान् २७ भगवान् के अभिग्रह का वर्णन ३३४-३४२ के कायोत्सर्ग का वर्णन २३५-२५३ २८ अभिग्रह के लिये विचरते हुए भगवान् के २०. चण्डकौशिकका भगवान् के उपर विप प्रयोग विषयमें लोगों की वितर्कणा का वर्णन ३४२-३५८ एवं चण्डकौशिक के प्रतिबोध का वर्णन २५४-२६३ २९ चन्दनवाला के चरित्रका वर्णन ३५८-३७८ २१ बाचालग्राम में नागसेन के घर भगवान् ३० अंतिम उपसर्ग का वर्णन ३७९-३८८ . के भिक्षा ग्रहण का वर्णन २६४-२७२ | ३१ भगवान् का विहार एवं महास्वप्न २१ उपकार एवं अपकार के प्रति दर्शनका वर्णन ३७९-४०९ भगवान् के समभाव का कथन २७२-२८८ | ३२ दशमहास्वप्न का वर्णन ४१०-४१८ . २२ अनार्यदेश में भगवान् के किये गये ३३ केवलज्ञानदर्शन प्राप्ति का वर्णन ४१९-४२२ - उपसर्ग का वर्णन २८८-३०० ३४ भगवान् के समवसरणका वर्णन , ४२३-४३६ २४ भगवान् के विहारस्थानों का वर्णन ३०१-३१० | ३५ भगवान के पैंतीस वचनातिशेष ४३७-४४३ .
SR No.009361
Book TitleKalpsutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1973
Total Pages912
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size49 MB
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