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________________ २० कप्पइ निग्गंथाणं सावस्सयंसि आसणंसि चिट्टित्तए वा निसीइत्तए वा ॥३७॥ नो कप्पइ निग्गंथोणं सविसाणंसि पीटंसि वा फलगंसि वा चिहित्तए वा निसीइत्तए वा ॥ ३८ ॥ कप्पइ निग्गंथाणं सविसाणंसि पीढंसि वा फलगंसि वा चिट्टित्तए वा निसीइत्तए वा ॥ ३९॥ नो कप्पइ निग्गंथीणं सवेंटगं लाउयं धारित्तए वा परिहरित्तए वा ॥४०॥ कप्पइ निग्गंथाणं सवेंटग लाउयं धारित्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ४१॥ नो कप्पइ निगंथीणं सवेंटियं पायकेसरियं धारित्तए वा परिहरित्तए वा ॥४२॥ कप्पइ निग्गंधाणं सवेंटियं पायकेसरियं धारित्तए वा परिहरित्तए वा ॥४३॥ नो कप्पइ निग्गंधीणं दारुदंडयं पायपुंछणं धारित्तए वा परिहरित्तए वा ॥४४॥ कप्पइ निग्गंथागं दारुदंडयं पायपुंछणं धारित्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ४५ ॥ नो कप्पइ निग्गंधाण वा निग्गंधीण वा अन्नमन्नस्स मोयं आपिवित्तए वा आयमित्तए वा, नन्नत्थ गाढागाडेहिं रोगायंकेहि ॥ ४६॥ नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा परिया सियं भोयणजायं जाव तयप्प. माणमेत्तं वा भूइप्पमाणमेत्तं वा तोयविंदुप्पमाणमेत्तं वा आहारं आहरित्तए, नन्नत्थ गाढागाढेहि रोगायंकेहि ॥ ४ ॥ नो कप्पइ निग्गंधाण वा निग्गंथीण वा परिवासिएणं आलेषणजाए, आलिंपित्तए वा विलिंपित्तए वा, नन्नत्य गाढागाढेहि रोगायंकेहिं ॥ ४८ ॥ नो कप्पइ निग्गंधाण वा निगंथीण वा परिवासिएण तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा वसाए वा गायाई अब्भंगित्तए वा मक्खित्तए वा, नन्नत्थ गाढागादेहि रोगायंकेहिं ।। ४९ ॥ नो कप्पइ निग्गंधाण वा निग्गंथीण वा परिवासिएण कक्केण वा लोरेण वा पवणेण वा अन्नयरेण वा आलेवणजाएण गायाई उवलित्तए वा उध्वट्टित्तए वा, नन्नत्य गाढागाढेहिं रोगायंकेहिं ।। ५०॥
SR No.009358
Book TitleVyavaharasutram evam Bruhatkalpsutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages536
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_bruhatkalpa, & agam_vyavahara
File Size32 MB
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