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________________ ४७८ . . विपाकश्रुते 'तओ हत्यिणाउरे णयरे' ततो निःसृत्य हस्तिनापुरे नगरे ‘मियत्ताए' मृगतया 'पञ्चायाइस्सई' प्रत्यायास्यति । 'से गं' स खलु चाउरिएहि' वागुरिक व्याधैः 'वहिए समाणे' बधितः-वधं प्राप्तः हतः सन् 'तत्थेव हत्थिगाउरे नयरे' तत्रैव हस्तिनापुरे नगरे 'सेटिकुलंसि' श्रेष्टिकुले 'पुत्तत्ताए' पुत्रतया उत्पत्स्यते । 'वोहि' बोधिं भोत्स्यते । 'सोहम्मे कप्पे' सौधर्मे कल्पे देवो भविष्यति । 'महाविदेहे वासे' महाविदेहे वर्षे ‘सिज्झिहिइ' सेत्स्यति । का वर्णित हुआ है अर्थात् यह 'जाव पुढवीमु' पृथिवी काय में लाखों बार उत्पन्न होगा । याद प्रथम अध्ययन के २१ वे सूत्र में जो भ्रमण · का वृत्तान्त वर्णित हुआ है वही यहांपर 'यावत्' शब्द से उसका जानना चाहिये । पश्चात् 'तओ हत्थिणाउरे मियत्ताए पचायाइस्सई' वहां से निकल कर यह हस्तिनापुर में तिर्यश्चगति में मृग की पर्याय से उत्पन्न होगा । से णं तत्थ वाउरिएहिं वहिए समाणे' यह इस पर्याय में शिकारियों द्वारा मारा जाकर 'तत्थेव इत्थिणाउरे सेटिकुलंसि' उसी हस्तिनापुर नगर में किसी सेठ के यहां पुत्र रूप से उत्पन्न होकर स्थविरों के निकट धर्म श्रवण कर योध को प्राप्त करेगा 'सोहम्मे कप्पे महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ णिक्खेवो' सम्यक्त्व की प्राप्ति से यह मर कर . सौधर्म स्वर्ग का देव हो वहां से च्युत होकर विदेह क्षेत्र में उत्पन्न पनि अर्थात ते 'जाव पुढवीसु' पृथिवीयमा मोवा२ पन्न थरी ते पछी પહેલા અધ્યયનનાં ૨૧મા સૂત્રમાં જે ભ્રમણનું વૃત્તાન્ત કરેલ છે તે જ અહીં “યાવત” vथी मानें वन on a नये. पछी 'तओ हत्थिणाउरे मियत्ताए पच्चा याइस्सह त्यांची नशीन स्तिनापुरमा तिय य गतिमा भृगनी पर्यायथा उत्पन्न यशे. 'से णं तत्य वाउरिएहि बहिए समाणे' मे ते पर्यायमा शिक्षाशमा द्वारा भायरी' तत्थेव हत्यिणाउरे णयरे सेडिकुलंसी' पछी ते हस्तिनापुर नगरमा કઈ એક શેઠને ત્યાં પુત્રરૂપથી ઉત્પન્ન થઈને સ્થવિરેની પાસે ધર્મશ્રવણ કરી બોધિथी. (सभ्य४५)ने आस ४२ये 'सोहम्मे कप्पे महाविदेहे वासे सिज्जिहिइ णिक्खेवो' . સમ્યકત્વની પ્રાપ્તિ થયા પછી તે મરણ પામીને સૌધર્મ સ્વર્ગમાં દેવ થશે, ત્યાંથી
SR No.009356
Book TitleVipaksutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages825
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size58 MB
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