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________________ ११ १७५ आयुर्द्वारका निरूपण १७६ अध्ययन का उपसंहार और समाप्ति १७७ पैंतीसवें अध्ययनका प्रारम्भ १७८ भिक्षुके गुणका वर्णन १७९ भिक्षु की वसतिका निरूपण १८० भक्तपानादि आरम्भ के निवारणका उपदेश १८१ अग्नि समारम्भ के निषेधका निरूपण १८२ भिक्षुको क्रयविक्रय के निषेध का निरूपण १८३ सामुदानिक भिक्षाका निरूपण १८४ भक्तपानादिमें रसलोलुप न होनेका निरूपण १८५ शुक्लध्यानपूर्वक संयमाराधनका निरूपणम् १८६ मृत्युसमय के कर्तव्यका निरूपण १८७ जीव और अजीव के स्वरूप का निरूपण १८८ जीवके दो प्रकारका निरूपण १८९ अरूपी अजीवों के दश भेदका निरूपण १९० धर्मादिका निरूपण १९९ काल से धर्मादिका निरूपण १९२ द्रव्यकी अपेक्षा से रूपिद्रव्यका निरूपण १९३ क्षेत्रकी अपेक्षा से स्कंध एवं परमाणुका निरूपण १९४ काल के विभाग और कालद्वारको आश्रित करके arrai कि स्थितिका निरूपण १९५ भावद्वारको आश्रित करके स्कंधपरमाणुका निरूपण १९६ वर्ण गंध आदि प्रत्येक के उत्तर भेदका निरूपण १९७ गंध से परमाणु का निरूपण १९८ स्पर्शको आश्रित करके और परमाणुका निरूपण १९९ संस्थान को लेकर स्कंध परमाणुका निरूपण २०० निलादि वर्णों के भङ्गका निरूपण २०१ गंधगुण के संग का निरूपण २०२ रसके संगका निरूपण २०३ स्पर्श भंगका निरूपण २०४ संस्थान भंगका निरूपण २०५ जीवाजीवके स्वरूपका निरूपण २०६ स्त्री मोक्षसमर्थनम् ६५७-६६० ६६०-६६१ ६६२ ६६३-६६६ ६६७-६७० ६००-६७१ ६७२-६७४ ६७५ ६७६-६७८ ६७९-६८० ६८१-६८२ ६८३-६८४ ६८५-६८८ ६८९ ६९०-६९२ ६९३-६९४ ६९५-६९६ ६९७-७०२ ७०३-७०५ ७०६-७०८ ७०९ ७१० ७११-७१२ ७१३-७१४ ७१५-७१६ ७१७-७२० ७२१-७२२ ७२३-७२६ ७२७-७३४ ७३५-७३८ ७३९-७४० ७४१-७९३
SR No.009355
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1039
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size75 MB
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