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________________ ८.३ 10 प्रियदर्शिनी टीका में १९ मृगापुरचरितवर्णनम् यत एष तम्मान-- मृलम्-भुज माणुस्सए भोएं, पचलक्खणए तुम । भुत्तभोगी तओ जाया । पच्छा धम्म चरिस्ससि ॥४३॥ गया--भुक्ष्व मानुप्यकान् भोगान , पञ्च क्षणकान त्वम् । भुक्तभोगी ततो जात !, पश्चाद् पर्म चरिप्यामि ॥४३॥ टीका--'भुज' इत्यादि । हे जात ! हे पुन ! व पञ्चलक्षणकान शब्दरूपघ्रागरसस्पर्शरूपान् मानु प्यकान्-मनुष्यसम्बपिनो भोगान् मुड्न । तत'=तदनन्तर भुक्तभोगी-भुक्ता भोगा भुक्तभोगास्ते सन्त्यस्येनि तग, भुक्तसमस्तभोगस्व पश्चाद्धार्द्ध के धर्म-चारित चरिष्यमिपालयिष्यसि ॥४३॥ उपरामरूप ममुद्र पार करना मुश्किल है । पहिले गुणोदधिपद हारा समस्त गुणोका ग्रहण किया गया है यहा सिर्फ एक उपठाम गुणका ही ग्रहण किया है, सो यह सत्र में प्रधान है, इस बात को प्रगट करने के लिये ग्रहण किया है ॥४२॥ . इस प्रकार दृष्टान्त देकर चारित्र की दुरकरता कहकर अब भोगों के लिये निमत्रित करते है-'भुज' इत्यादि।। अन्वयार्थ---उस लिये जब यह बात है तो (जाया-जात!) हे पुत्र । (तुम-त्वम्) तुम (पचलकखणए माणुस्सा भोग भुज-पचलक्षणकान् मानुग्यकान् भोगान भुल्य) शब्द, रूप, गध, रम एव स्पर्गस्प मनुष्य मरवी भोगों को भोगो (तओ भुत्तभोगी-ततः भुक्तभोगी) बाद मे भुक्तभोगी होकर (पन्छा-पश्चात् ) वृद्धावस्था मे (धम्म चरिस्समि -धर्म चरिप्यसि) चारित्र की आराधना करना ॥४॥ યુક્ત પ્રાણી દ્વારા ઉપશમરૂપ સમુદ્રને પાર કર મુશ્કેલ છે પહેલા ગુણદપિધદ દ્વારા સઘળા ગુણોનું ગ્રહણ કરવામાં આવેલ છે. અહીં વડત એક ઉપશમ ગુરુનું કે જે સહમા પ્રધાન છે આ વાતને પ્રગટ કવા માટે ગ્રહણ કરચેલ છે જરા આ પ્રકારે છાત આપીને ચારિત્રની દુષ્કરતા બનાવીને હવે બે ગોના ઉપ माग माटे माड ४२ छ--"भुज" त्यहि अन्वयार्थ:-- न्यारे मामा वात त्यारे जाया-जात ना तुम-त्वम् तमे पचलकवणए माणुस्सए भोए भुज-पचलक्षणकान् मानुप्यकान् भोगान् भुक्त શબ્દ, રૂપ, ગધ, રસ અને સ્પર્શરૂપ મનુષ્ય સ બ ધી ભેગને ભેગ તો બત્ત भोगी-तत मुक्तभोगी मने पछीथी भुती छन पछा-पश्चात वृद्धावस्थामा बम्म चरिस्समि-धम चरिग्यसि यात्रिनी आराधना ४२० ॥ ४३ ।।
SR No.009354
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1961
Total Pages1130
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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