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________________ पीयूषयपिणो-टीका सू ३३ असुरफुमारदेवधर्णनम ३२७ महब्बला महासोरखा महानुभागा हार-विराडय-बच्छा कडगतुडिय-थभिय-भुया अगय-कुडल-मट्ट - गडयल - कण्णपीढधारी विचित्त-वत्था-भरणा विचित्त-माला-मउलि मउडा कल्लाणग-पवरम्बग । 'महचला' महानग-बिगपालगानि । महायमा' महायाम -विशालकार्ति मत , 'महासोकाया' महामोरया -पिशिष्टमुग्यमापना । 'महाणुमागा' महानुभागा - नचिन्यप्रभावयुक्ता । 'हारपिराइयबन्छा' हानिगजिननक्षम । 'फडगतुडियांभियभुया' कटकनुटिकम्तम्भिनभुजा -कटने अन्य त्रुटिके -बाग्लकभूपगविशप स्तम्भिता-सज्जिता भुजा येपाते तथा। अंगय कुंडल मट्ठ गटयल-मण्गपीठ-बारी' अङ्गट-कुण्डल-मृष्ट गण्डतल. कपाठ पारिण -अङ्गटानिचाहामग्णानि कुल मृगटनगनि कर्णपाहानि-फणाभरणाविगपान् धरन्ति नच्छाला । 'विचित्त-वस्था-भरणा'-विचित्र-त्राभग्णा -विचित्राणि= ज्जुटया) गरार पर आभरग आदि का विशिष्ट प्रभा से ये माण्टत थ । (महब्बलग) विशेष शक्तिसम्पन्न थे । (महायसा) उनका कार्ति दिग्दिगन्त म फला हुइ यो । (महासोक्खा) विशिष्ट मुग्य क ये भोला य । (महाणुभागा) अचि य प्रभान क धारक थे। (हार-विराइयबन्छा) दनका वय स्थल हार से शोभायमान था । (क्डग तुडिय-पभिय-भुया) कटक, ल्य एव नुटिक-भुज प से इनकी भुजाये सजित या । (जगय कुडल मट्ठाडयलकण्णपीढ पारी) अगढ-बाजगन्ध, कुण्टल कणाभरणशिप कि जिससे दनक कपोल घर्पितहो रह है-इन दोनों को एर और भा अन्य विशिष्ट वर्णाभरणो को ये पारण किये हुये थे। (विचित्तवत्थाभरणा) विविध प्रकार के वस्त्र एन जाभरगो को ये पह्न हुए थे। (विचित्त द्धिया २ वो सपन्न हुता (महज्जुइया) विशिष्ट शरी० मने माला माहिती प्रमाथी तथ्य भडित ता (मव्यला) विशेषत पन्न au (महायसा) तेमनी ति यात साता (महासोक्खा) विशिष्ट सुमना तेमा सोडता तl, (महाणुमागा) मयिन्त्य प्रलापना पा२४ उता (हार विराइय-बच्छा) तभनु पक्षम्य (छाती) १२ वणे सलायमान तु, (कडग तुडिय यभिय मुया) 326--0सय भने त्रुटि-भुन्यथा तम तय Hard ती (अगय कुडल मट्ठ गडयल कण्णपीढधारी) २५ गानमन्च, १७4-जानाना આભરણ વિશેષ કે જેના વળે તેમના ગાલ ઘર્ષિત થતા હતા, એ બને તથા ते 4 मील विशिष्ट ५ सामगोने तमामे वारा या उता (पिचि त्तपत्याभरणा) विविध जाना १५ त मालपोने तेमाणे धाए या उता
SR No.009353
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1106
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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