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________________ विपय पठा६७ पाईस परीपहों का नामनिर्देप २७२-२७५ ५८ परीपहों का स्वरूपपर्गन में क्षुधापरीपहजय का वर्णन और इढवीर्य मुनि का दृष्टान्त २७५-२८७ ५९ पिपासापरीपद का वर्णनमे पानभेद का वर्णन । और धनमियमुनि दृष्टान्त २८७-२९९ शीतपरीपह जय का वर्णन और उस विषयमें मुनिचतुष्टय का दृष्टान्त ३००-३०७ उष्णपरीपह जय का वर्णन और अरहन्नक मुनि का दृष्टान्त ३०७-३१७ ६२ दशमशकपरीपह का वर्णन और उस विषयम सुदर्शन मुनि का दृष्टान्त ३१७-३२८ ६३ अचेलपरीपह जय का वर्णन ३२४-३३० ६४ स्थविरकल्पका वर्णन और उस विषयमे सलेखना, पादपोपगमन, और सस्तारक विधि का वर्णन ३३१-३३८ ६५ जिनकल्पिका वर्णनमे पिण्डैपणा विधि जिनकल्पमर्यादा ३३८-३४७ स्थविरकल्प और जिनकल्पका दश प्रकार का वर्णन ३४७आचैलक्य वर्णन और उस विषयमे सोमदेव मुनिका दृष्टान्त ३४८-३६८ ६८ अरविपरीपह जयका वर्णन और उस विषयम अहंदत्तमुनि का दृष्टान्त ३६८-३९० ६९ स्त्री परीपहजयका वर्णन और लावण्यमुनि का -दृष्टान्त ३९०-४०४ ७० चर्यापरीपह जयका वर्णन ४०४-४१५ ७१ नैपधिकी, शग्या, आक्रोश परीपह वर्णन ४१६-४३६ ७२ वरपरीपह याचनापरीपह और अलाभपरीपह का वर्णन ४३६-४६२ ७३ रोगपरीपह, तृणपाश, जलपरीपहका वर्णन ४६३-४८४
SR No.009352
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages961
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size28 MB
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