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________________ उपाध्ययनले सत्कार कुर्यात् , तानि-अभिवादादीनि ये स्वयूधपतिनः अप्रसन्नपार्श्वस्थादयः, परतीथिका दण्डिशाफ्यादयो वा द्रव्यलिगिनः प्रतिसेवन्ते आगमनिषिद्धान्यपि स्वीकुर्वन्ति, तेभ्यः ऋद्धिरससातद्धियुक्तेभ्यः, मुनिः अनगारः न स्पृहयेत् , राजादिकृतसत्कारपुरस्कारो मतिसेउमानान् द्रव्यलिगिनः साधून विलोक्य-"अहो! पुण्यशालिनोऽमी पार्श्वस्थादयः शाक्यादयश्च यदेताश वन्दनाभ्युत्थानादिसत्कार प्राप्नुवन्ति, अतोऽहमप्येतादृशो भवामी"-ति मुनिस्तत्साम्य न पान्छेदित्यर्थः।३८। अमुमेवार्थ विशदयतिमूलम् -अणुकसाई अप्पिच्छे, अन्नाएंसी अलोलुए। रसेंसु नाटुंगिज्झिज्जा, नाणुतप्पिज पंण्णव ॥३९॥ तथा निमत्रण (कुज्जा-कुर्यात्) करे और (ताइ-तानि) उनको (जेये) जो स्वयूथवर्ती अवसन्न पासत्य आदि, अथवा परतीथिक दण्डिशाक्यादिक द्रव्यलिङ्गी साधु (पडिसेवति-प्रतिसेवन्ते) सेवन करते हैं उनको स्वीकार करते हैं तो (मुणी तेसिं न पीहए-मुनि. तेभ्यः न स्पृहयेत्) मुनि उन ऋद्धिरससातद्धियुक्तों की स्पृहा न करे राजा आदि द्वारा किये गये सत्कार पुरस्कार को प्रतिसेवन करने वाले अवसन्नपार्श्वस्थादि द्रव्यलिङ्गी साधुओं को देखकर "अहो। ये अवसन्न पार्श्वस्थादिक तथा शाक्यादिक बडे ही पुण्यशाली है जिससे ये इस प्रकार के चन्दन अभ्युत्थान आदि सत्कार को पाते हैं अत में भी इनके जैसा होऊ तो अच्छा हो" इस प्रकार अणगार-मुनि उनकी समानता की अर्थात् उनके जैसा होने की वाच्छा नही करे ॥ ३८॥ उरे भने ताइ-तानि मेमने जे-ये रेस्क्यूथपती Aqसन्न पासत्य माEि PRIL ५२तिथी , या द्रव्यलिगी साधु पडिसेवति-प्रतिसेवन्ते सेवन ४रेछेसेना वीड२ ४२ छ मुणी तेसिं न पीहए-मुनि वेभ्य न स्पृहयेत् । भुनिये કદ્ધિરસ સાત ગૃદ્ધિયુકતેની સ્પૃહા ન કરે રાજા આદિ દ્વારા કરાયેલા સત્કાર પુરસ્કારનું પ્રતિસેવન કરવાવાળા અવસર પાર્થસ્થાદિ દ્રવ્યલિંગી સાધુઓને જોઈને “અહ” એ અવસગ્ન પાસ્થાદિક તથા શાકયાદિક ઘણુ જ પુન્યશાળી છે, જેથી તે આ પ્રકારના વદન અભ્યસ્થાન આદિ સંસ્કાર પામે છે એથી હુ પણ એમના જે થાઉ તે સારૂ થાય આ પ્રકારે અણગાર મુનિ તેમની સમાન तानी अर्थात् तमना वा पानी पान न ४२ ॥३८॥
SR No.009352
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages961
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size28 MB
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