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________________ हम तीनों मुनि भगवान महावीर से अथवा शासनदेव से प्रार्थना करते हैं कि आपकी इस वचमयी लेग्वनी को उत्तरोसर शक्ति प्रदान करें ता कि आप जैनसमाज के ऊपर और भी उपकार करते रहें और आप चिरञ्जीव हों। ___ हम आपके मुनि तीन मुनि सत्येन्द्रदेव-मुनि लखपतराय-मुनि पनसेन उदेपुर इतवारी वाजार नागपुर ता. ११-१२-५६ प्रखर विद्वान जैनाचार्य मुनिराज श्री घासीलालजी महाराजद्वारा जो आगमोद्वार हुआ और हो रहा है, सचमुच महाराजश्री का यह स्तुत्य कार्य है। हमने प्रचारकजी के द्वारा नौ सूत्रों का सेट देखा और कह मार्मिक स्थलोंको पढा, पढ़ कर विद्वान मुनिराजश्री की शुद्ध श्रद्धा तथा लेखनीके प्रति हार्दिक प्रसन्नता फुट पडी। वास्तव मे मुनिराज श्री जैन समाज पर ही नहीं इतर समाज पर भी महा उपकार कर रहे है। ज्ञान किसी एक समाज का नहीं होता वह सभी समाज की अनमोल निधि है जिसे कठिन परिश्रम से तैयार कर जनता के सम्मुख रस्खा जा रहा है जिसका एक एक सेट हर शहर गाय और घर घर मे होना आवश्यक है। साहित्यरत्न मोहनमुनि सोहनमुनि जैन. VIVH
SR No.009352
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages961
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size28 MB
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