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________________ - - - - - - - २३६ आवश्यकसूत्रस्य मैदा , तत्र हस्तकर्मकरण प्रथमम् (१) अतिक्रमव्यतिक्रमातिचारैमथुनसेवन द्वितीयम् , (२) रात्रिभोजन ठतीयम् (३) आधारर्मसेवन चतुर्थम् (४), राजपिण्ड-(नृपतिमुद्दिश्य निष्पादित) ग्रहण पञ्चमम् (५), द्रव्यादिना सा वय क्रीतमुद्धारगृहीतमनिच्छतः पुनभृत्यादेहस्तादपहत्याऽन्यसम्बन्धिसाधारणाऽऽहा रादिक ताननापृच्छय स्वकीयमपि स्वस्थानादपहृत्य वा साधवे दीयमानमित्येपा पञ्चाना पिण्डाना सेवन पष्ठम् (६), पुनः पुनः प्रत्यारयानभञ्जन सप्तमम् (७), पण्मासाभ्यन्तरे स्वगच्छानिःसृत्य गच्छान्तरगमनमष्टमम् (८), मासा भ्यन्तर उदकायले पसेवन नवमम् (९) मासाभ्यन्तरे मातस्थानत्रयसेवन दश उन्हे 'शबल' कहते हैं, वे इक्कीस (२१) हैं-(१) हस्तकर्म करना (२) अतिक्रम व्यतिक्रम और अतिचार से मैयुन सेवन करना, (३) रात्रि भोजन करना, (४) आधाकर्मी आहार आदिका सेवन करना, (५) राजपिण्ड लेना (६) 'कीय' (क्रीत)-साधु के निमित्त खरीदे हुए, 'पामिन्छे (प्रामित्य)-उधार लिये हुए, 'अच्छिन' (अच्छेद्य)-पुत्र भृत्य आदि के हाथ से छीने हुए, 'अणिसिह' (अनिसृष्ट)=अनेक के हिस्से का आहार आदि उनसे विना पूछे दिये हुए, तथा 'आह दिजमाण' (आहृत्य दीयमान) स्वस्थान से सामने लाकर दिये हुए, आहार आदि का सेवन करना, (७) प्रत्याख्यान का बारम्बार भग करना, (८) छह महीने से पहले अपना गच्छ छोड कर दूसरे गच्छ में जाना, (९) एक महीनेमे तीन बार उदक का लेप लगाना (नदी કહે છે તે એકવીશ પ્રકારના છે (૧) હસ્તકર્મ કરવુ, (૨) અતિક્રમ, વ્યતિક્રમ અને અતિચારથી મિથુન સેવન કરવુ (૩) રાત્રિ-ભૂજન કરવું, (૪) આધાકમાં माहार वगेरेनु सेवन ४२७, (५) पिंड अ५ ४वो (६) 'कीय' (क्रीत) साधुना निमित्त परी ४२सा, 'पामिच्चे' (मामित्य) धार बीघेसा, 'अच्छिन्न' (अच्छेद्य) पुत्र-ना४२ महिना माथी छीना enal, 'अणिसिह' (अनिसृष्ट) અનેક માણસના ભાગને આહાર વગેરે તેઓને પૂછયા વિના આપેલા તથા 'आह दिज्जमाण' (आहृत्य दीयमानम् ) पोताना स्थानथी साभा भाषीने तापी આપેલા આહાર આદિનું સેવન કરવું, (૭) પ્રત્યાખ્યાનને વાર વાર ભગ કરવે, ૮) છ માસ પૂર્વે પિતાને ગચ્છ ત્યજી બીજા ગ૭મા જવું, (૯) એક મહિનામાં
SR No.009344
Book TitleAavashyak Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages575
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size15 MB
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