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________________ ७८ प्रथापनाने पृच्छा, गौतम ! पडू एताश्चैव, देनीनां पृच्छा, गौतम ! चतस्रो लेश्याः प्रज्ञप्ताः, कृष्णलेश्या यावद-तेजोलेश्या, भवनवासिनां भदन्त ! देवानां पृच्छा, गौतम ! एवञ्चव, एवं भवनवासिनीनामपि, वानव्यन्तर देवानी पृच्छा, गौतम ! एवञ्चेव, वानव्यन्तरीणामपि, ज्योतिकाणां पृच्छा, गौतम ! एका तेजोलेश्या, एवं ज्योतिष्कीणामपि, वैमानिकानां पृच्छा, गौतम ! तिस्रः प्रज्ञप्ताः तद्यथा-तेजोलेश्या, पद्मलेश्या, शुक्ललेश्या, वैमानिकानां पृच्छा, गौतम ! इसी प्रकार। (देवाणं पुच्छा?) देवों के विषय में प्रश्न ? (हे गोयमा ! छ एयाओ चेव) हे गौतम यही छह लेश्याएं। (देवीणं पुच्छा ?) देवियों के विषय में प्रश्न ? (गोयमा ? चत्तारि-कण्णलेस्सा जाव तेउलेख्ला) हे गौतम चार, कृष्णलेश्या यावत तेजोलेश्या । (भवणवासीणं देवाणं पुच्छा ?) अवनवासी देवों के विषय में प्रश्न ? (गोयमा ! एवं चेब) हे गौतम ! इसी प्रकार (एनं लवणवासिणीणवि) इसी प्रकार भवनवासिनी देवियों में भी। _ (वाणमंतरदेवाणं पुच्छा ?) वानव्यन्त देवों के विषय में प्रश्न ? (गोयमा ! एवं चेच) हे गौतम ! इसी प्रकार (एवं वाणमंतरीण वि) वानव्यन्तरि देवियों में भी इस प्रकार (जोइलियाणं पुच्छा ?) ज्योतिष्क देवों संबंधी प्रश्न ? (गोयमा! एगा तेउलेस्सा) हे गौतम ! एक तेजोलेश्या (एवं जोइहिणीण वि) इसी प्रकार ज्योतिष्क देवियों में भी (माणियाण पुच्छा?) वैमानिको संबंधी पृच्छा? (गोयमा! तिमि पण्णताओ) हे गौतम ! तीन लेश्याएं कही हैं (तं जहा-तेउ (मणुस्सीणं पुच्छा ?) 'नुष्य लिया 1ो प्रश्न १ (गोयमा ! एवं चेव) के गौतम ! એજ પ્રકાર. (देवाण पुच्छा :) हेयोन विषयमा २७ ? (गोयमा ! छल्लेस्सा एयाओ चेव) 3 ગૌતમ ! એજ છલેશ્યાઓ. __(देवीणं पुच्छा ?) हेवीय समधी प्रश्न छे. (गोयमा ! चत्तारि कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा) गौतम ! या२ वेश्या यावत् तसेश्या. (भवनवासीणं देवाणं पुच्छा ?) सावानवासी विना विभा प्रश्न (गोयमा ! एवचेव) के गौतम ! मे४ प्राय (एवं भवणवासिणीण वि) मे ४२ वनवासिनी हेवी मामा ५. ___ (बाणमंतरदेवाणं पुच्छा ?) वानव्य-1२ हेवे विषयi ? (गोयमा ! एवंचेव) गौतम ! मेकर शते (एवं वाणमंतरीण वि) दानव्यन्तरी हेवियमा ५ मे शत. (जोइसियाणं पुच्छा ?) ज्योति देवाना समधी प्रश्न ? (गोयमा एगा तेउलेस्सा) गौतम | मे तश्या (एवं जोइसिणीण वि) २०४ मारे ज्योति०४ हेवियामा ५. (वेमाणियाणे पुच्छा ?) वैमानि सन्धी १२७ ? (गोयमा ! तिन्नि पण्णत्ताओ)
SR No.009341
Book TitlePragnapanasutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1978
Total Pages841
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size62 MB
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