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________________ १२२१ प्रमेययोतिका टीका प्र. ५ . १३३ वादरादीनामल्पबहुत्वनिरूपणम् सरीरखायरा असंखेजगुणा सेसा तहेव जाव बादरा विसेसाहिया ३ । एएसि णं भंते! वायराणं पज्जतापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरा पत्ता बायरा अपज्जन्तगा असंखेज्जगुणा, एवं सव्वे जहा वायरतसकाइया ४ । एएसि णं भंते! वायराणं वायर पुढवीकाइयाणं जाव बायरतसकाइयाण य पज्जन्तापज गाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरते उक्काइया पज्जत्तगा बायरतसंकाइया अपञ्चत्तगा असंखेज्जगुणा परेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पज्जन्त्तगा असंखेज्जगुणा बायरणिगोदा पज्जन्त्तगां असंखेज्जगुणा पुढवि आउवाउ पज्जतगा असंखेज्जगुणा वायर अपज्जतगा असंखेज्जगुणा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ अपजतमा असंखेज्जगुणा० वायराणिओया अपज्जन्तगा असंखेज्जगुणा बायरपुढवी आउवाउअपज्जतगा असंखेज्जगुणा वायरवणस्सइ पज्जतमा अनंतगुणा बायरा पज्जतमा विसेसाहिया बायरवणस्सइ अपज्जत्तमा असंखेज्जगुणा वायरा अपज्जतगा विसेसाहिया वायरा पज्जन्तमा विसे साहिया ५। एएसि भंते! सुमाणं सुमपुढवीकाइयाणं जाव सुहुमणिओयाणं बायरपुढवीकाइयाणं जाव वायर तसकाइयाण य कपरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोत्रा वायरतसकाइया बायर उकाइया असंखेज्जगुणा पत्तेयसरीर बायरवा उकाइया असंखेज्जगुणा तहेव जाव काइया असंखेजगुणा सुहुमते उक्काइया असंखेज्जगुणा हु मपुत्रीकाइया विसेसाहिया सुहुगआउकाइय सुहुमाउ काय विसेसाहिया सुहुभनिओया असंखेज्जगुणा वायरं वायरवाउ
SR No.009337
Book TitleJivajivabhigamsutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1588
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size117 MB
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